MP: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 7 हाथी की मौत, 3 गंभीर हाथियों का चल रहा इलाज

Elephant dies in MP: मध्य प्रदेश के उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगल में 13 हाथियों का झुंड घूम रहा था, जिनमें से 7 हाथियों की संग्धित परिस्थितियों में मौत हो गई.

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Madhaya Pradesh News in Hindi: मध्य प्रदेश के उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Elephant dies in Bandhavgarh Tiger Reserve) में  जंगली हाथियों की मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. बुधवार की सुबह तक 7 हाथियों के संदिग्ध हालत में मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 3 की हालत गंभीर है. वहीं सूचना मिलने के बाद जबलपुर और राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स के फोरेंसिक की टीम मौके पर पहुंची. फिलहाल घायल हाथियों का इलाज जारी है. ये घटना मंगलवार की दोपहर खितौली रेंज के सलखनियां के जंगल की है. 

जंगल में घूम रहा था 13 हाथियों का झुंड

दरअसल, मंगलवार दोपहर सूचना मिली थी कि जंगल में 13 हाथियों का झुंड घूम रहा था. इसी दौरान 10 हाथियों की तबीयत बिगड़ गई और वो मौके पर बेहोश होकर गिर गए. जिसके बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से डॉक्टरों का दल और अधिकारी मौके पर पहुंचे. वहीं जांच के बाद डॉक्टरों ने 4 हाथियों को मृत घोषित कर दिया, जबकि 5 हाथियों की हालत गंभीर थी. इनमें से 3 और हाथियों की मौत बुधवार को हो गई. 3 गंभीर हाथियों  का इलाज चल रहा है. 

7 हाथी की मौत

बता दें कि गश्त के दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने खितौली और पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट के आरएफ 384 में 2 और पीएफ 183 ए में 2 जंगली हाथियों को मृत पाया. जिसके बाद वन विभाग की टीम आसपास के क्षेत्रों की तलाशी ली. इस दौरान  6 और हाथी अस्वस्थ हालत में जमीन पर पड़े हुए पाए गए. इस झुंड में 13 हाथी थे, जिनमें से 1 नर और 3 मादा हाथी की मौत हो गई. वहीं 5 अस्वस्थ और 4 हाथी स्वस्थ थे. लेकिन बुधवार को 3 और हाथियों ने दम तोड़ दिया.

घायलों का चल रहा इलाज

इन हाथियों की मौत के बाद पूरे इलाके की तलाशी ली जा रही है. इधर, घायल हाथियों की बांधवगढ़ के वन्यजीव स्वास्थ्य अधिकारियों और वन्यजीव पशुचिकित्सक संजय और स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर की मेडिकल टीम इलाज कर रही है. वहीं आगे की जांच के लिए एक एसटीएसएफ जबलपुर और भोपाल भी सूचना दी गई है. 

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जांच कर रही वन विभाग की टीम

मौके पर डॉग स्क्वॉड को भी बुलाया गया है. जांच के लिए पांच टीमें बनाई गई हैं. सभी टीमें संदिग्ध जगहों की जांच करेगी. खेतों, तालाबों, हाथियों के मल और तालाबों की जांच की जाएगी. वहीं पोस्टमार्टम और गहन जांच के बाद मौत की असली वजह का पता चल पाएगा. 

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