Republic Day के मौके पर सेंट्रल जेल से आजाद किए गए 16 कैदी, रिहाई होते ही खिल उठे चेहरे

सेंट्रल जेल में बंद 16 कैदियों को रविवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर जेल से आजाद कर दिया गया है. इस दौरान कैदियों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर झलक रही थी. जानें कैदियों ने क्या कहा..

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MP News In Hindi : रीवा सेंट्रल जेल में रविवार को 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर, 16 कैदियों को रिहा किया गया. यह सभी कैदी हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. सभी ने अपनी सजा के 20 साल पूरे कर लिए थे. जिसमें 14 साल सूखे के और 6 साल माफी के शामिल है. इन्हें अच्छे चाल चलन के चलते आज जेल से रिहा कर दिया गया. जेल प्रशासन ने इन कैदियों को छोड़ने का प्रस्ताव जिला समिति को भेजा था. जिला समिति से यह प्रस्ताव मध्य प्रदेश शासन को भेजा गया. वहां से आदेश आने  के बाद इन सभी को आज रिहा कर दिया गया.

सबसे ज्यादा कैदी रीवा से

रीवा की सेंट्रल जेल काफी पुरानी जेल है. काफी सुरक्षित मानी जाती है. जिसके चलते दूर-दूर से कैदी यहां पर लाकर रख जाते हैं. आज छोड़े गए कैदियों में, पांच कैदी रीवा जिले के थे. पांच ही कैदी अनूपपुर जिले के, शहडोल जिले के दो कैदी थे, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, और चित्रकूट के एक-एक कैदी को आज अच्छे चाल चलन के चलते रिहा किया गया है.

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आगे का जीवन कैसे बिताएंगे ?

रीवा सेंट्रल जेल के जेलर और जेल से छूट कैदियों का कहना है. हमने जेल में रहकर अपना जीवन गुजारने के लिए बहुत कुछ सीखा है. जेल के अंदर सीख गया काम, अब हमारे आगे की जिंदगी गुजारने के लिए काम आएगा. हमने जो गुनाह किया था, उसकी सजा हम भुगत चुके हैं. हमारी कोशिश होगी, आगे चलकर हम बेहतर नागरिक की तरह अपनी आगे की जिंदगी गुजारे.

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जानें क्या बोले जेलर

वही, सेंट्रल जेल के जेलर का कहना है, सभी कैदियों का चाल चलन बेहतर था. जेल के अंदर हम कैदियों को उनकी इच्छा अनुरूप किसी न किसी रोजगार को करने की ट्रेनिंग देते हैं. जो आगे चलकर उनके काम आता है, ऐसा ही इन कैदियों के साथ भी किया गया था. इसी के साथ संबंधित जिले के भी अधिकारियों को हमने लिखा है. अगर जरूरत पड़े तो इनको बैंक से लोन भी दिलाया जाए. जिससे यह अपना जीवन बेहतर तरीके से जी सके. हमने जेलर सहित कुछ कैदियों से बात की.

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