विकास प्राधिकरण के गठन के पूरे हो गए 14 साल, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ काम... तीन अध्यक्षों के होते हुए भी अधर में अटका प्रदेश का विकास

MP News: शहरों के विकास के लिए बनाई गई विकास प्राधिकरण ने 14 साल में भी काम पूरा नहीं किया. कई सारे प्रोजेक्ट आज भी पेंडिंग पड़े हुए हैं.

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इलाके में 14 साल में नहीं हुआ विकास

MP Development Authority: शहर के विकास के लिए शिवराज सरकार ने 9 दिसंबर 2010 को एमपी के कटनी विकास प्राधिकरण (Katni Development Authority) का गठन किया था. जिसके बाद शहर में झिझरी सहित अन्य तीन स्थानों में जगह चिन्हित की गई थी. जिसमें एलआईजी, एमआईजी सहित अन्य कॉलोनियों को विकसित करना था. कटनी विकास प्राधिकरण को गठन हुए 14 साल हो गए, लेकिन, आज तक एक भी काम धरातल में नहीं हो सका है... जबकि, इस बीच राज्य शासन द्वारा अलग- अलग तीन अध्यक्ष भी नियुक्त किये गए. लेकिन, विभागीय फाइलें सरकने के अलावा कोई काम नहीं हुआ... 

दूसरे कामों में होता है कार्यालय का उपयोग

प्राधिकरण के कार्यालय का उपयोग विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदान केंद्र बनाकर किया गया है. प्राधिकरण के इंजीनियर ने आगामी कुछ महीने में काम शुरू होने की बात कही है, तो वहीं, पूर्व अध्यक्ष ने उनके कार्यकाल में ज्यादा समय नहीं मिलने और शासन की मंशा और इच्छा शक्ति नहीं होने का हवाला देते हुए काम शुरू नहीं हो सकने की बात कही है.

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शीघ्र ही शुरू होगी प्लॉटों की बिक्री 

कटनी विकास प्राधिकरण में कार्यपालन यंत्री से एनडीटीवी सवांददाता राम बिहारी गुप्ता ने चर्चा की, तो उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा पहले चरण में झिंझरी के पास 69 प्लॉट के विकास कार्य हेतु नगर निगम से विकास अनुज्ञा मिल गई है. अब रेरा में प्रोजेक्ट के लिए फाइल गई है. जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, शीघ्र ही प्लॉटों की बिक्री के लिए कार्रवाई शुरू की जाएगी. शासन से बजट नहीं होने पर फिलहाल जबलपुर विकास प्राधिकरण से कटनी विकास प्राधिकरण को एक करोड़ रुपये मिला है. जिसके चलते प्रोजेक्ट के लिए कार्य में गति मिलेगी.

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अध्यक्ष ने बताया ये कारण

कटनी विकास प्राधिकरण में दो कार्यकाल में अध्यक्ष रहे. ध्रुव प्रताप सिंह ने प्राधिकरण के गठन के बाद अब तक कोई काम नहीं होने से शासन की मंशा पर सवाल उठाए है. उन्होंने कहा कि सरकार की इच्छा शक्ति भी प्रमुख कारण है. उनके कार्यकाल में प्राधिकरण की जमीन का कृषि भूमि से आवासीय भूमि में मद बदलने में ही डेढ़ साल का समय लग गया. इस तरह की खामियां लगातार निर्मित होती रही. कटनी का जब मास्टर प्लान बना था, तो हाउसिंग सेक्टर की जमीन चिन्हित नहीं थी. प्राधिकरण के गठन के समय अध्यक्ष का कार्यकाल एक और डेढ़ साल तक के लिए ही रहा है.

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