World Tourism Day 2025: विश्व पर्यटन दिवस (World Tourism Day) हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है. यह दिन सांस्कृतिक, प्राकृतिक, और ऐतिहासिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. इसके साथ ही इस दिवस का उद्देश्य पर्यटन के महत्व और उसकी सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक भूमिका को पहचानना है. मध्य प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध राज्य है. यहां प्राचीन मंदिर, घने जंगल, झरने, और राष्ट्रीय उद्यान हैं. प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विरासत का संगम मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित, एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनूठा मिश्रण पेश करता है.खजुराहो के मंदिरों की नक्काशीदार दीवारें, सांची के स्तूपों की शांति, और कान्हा नेशनल पार्क की जीवंत वन्यजीव, मध्यप्रदेश में घूमने के लिए अनेक कारण हैं. MP को इसीलिए देश का दिल कहा जाता है.
MP की खूबसूरती का आनंद
मध्यप्रदेश हर ओर से जुड़ा हुआ है. यहां पहुंचना आसान है. विश्व पर्यटन दिवस पर मध्यप्रदेश की यात्रा करने का प्लान बनाएं और इस अद्भुत राज्य की खूबसूरती का आनंद लें. मध्यप्रदेश भारत का हृदय है और अपनी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और विविधतापूर्ण इतिहास के कारण पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन गया. यहां प्राचीन मंदिरों से लेकर घने जंगलों तक, झरनों से लेकर राष्ट्रीय उद्यानों तक, सब कुछ मौजूद है.
खजुराहो : खजुराहो के मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. इन मंदिरों की नक्काशीदार दीवारें और मूर्तियां भारतीय कला और वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं.
सांची : सांची का स्तूप बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है. यह भारत के सबसे पुराने स्तूपों में से एक है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है.
कान्हा नेशनल पार्क : कान्हा नेशनल पार्क भारत के सबसे बड़े राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है. यहां आपको बाघ, तेंदुआ, हिरण और कई अन्य जानवर देखने को मिलेंगे.
पन्ना नेशनल पार्क : पन्ना नेशनल पार्क अपने हीरे के खनन के लिए प्रसिद्ध है. यह पार्क वन्यजीवों के लिए भी एक स्वर्ग है.
ओरछा : ओरछा एक ऐतिहासिक शहर है जो अपनी भव्य हवेली और मंदिरों के लिए जाना जाता है.
मांडू : मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है जो अपनी भव्य इमारतों, समृद्ध इतिहास और कई किस्से-कहानियों के लिए जाना जाता है. यह शहर विंध्य पर्वत श्रृंखला में स्थित है और कभी मालवा का राजनीतिक और सांस्कृतिक केंद्र था. मांडू का इतिहास काफी पुराना है. माना जाता है कि यह शहर 6वीं शताब्दी में बसा था. परमार राजवंश के शासकों ने इसे अपनी राजधानी बनाया और यहां कई भव्य मंदिर और महल बनवाए.
मध्यप्रदेश पुरातत्व और भूगर्भीय चमत्कारों का राज्य है. इतिहास और संस्कृति से भरे खजाने में 14 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं. मध्यप्रदेश में बौद्ध तीर्थ स्थल सांची स्तूप, स्थापत्य कला का अद्वितीय नमूना खजुराहो मंदिर और प्रागैतिहासिक गुफा चित्रों का खजाना "भीमबेटका रॉक शेल्टर" यूनेस्को की स्थायी सूची में शामिल हैं. यूनेस्को की अस्थाई सूची में ग्वालियर किला, धमनार रॉक-कट गुफाएं, भोजेश्वर महादेव मंदिर, चंबल घाटी रॉक कला, खूनी भंडारा-बुरहानपुर, रामनगर और मंडला गोंड स्थल, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, भेड़ाघाट - लम्हेटा घाट, ओरछा, मांडू और भारत का कपड़ा समूह - चंदेरी शामिल हैं.
ये महोत्सव हैं खास
मध्य प्रदेश में गांधी सागर महोत्सव, जल महोत्सव, चंदेरी महोत्सव और कुनो वन महोत्सव शुरू किए गए हैं. जिसमें ऑल सीजन टेंट सिटी स्थापित किए गए हैं. यहां पर्यटक स्काईडाइविंग, हॉट एयर बैलूनिंग, पैरामोटरिंग, रिवर राफ्टिंग से लेकर ज़मीन, पानी और हवा पर आधारित साहसिक गतिविधियों का अनुभव कर सकते है.
मध्यप्रदेश में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश में गहन आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन के प्रामाणिक अनुभव विकसित किए गए है. दो दिव्य ज्योतिर्लिंगों - ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर, चित्रकूट, राम वन गमन पथ, विभिन्न आध्यात्मिक लोक, ओरछा राम राजा मंदिर, भगवान राम और कृष्ण से जुड़े स्थल जिसमें उज्जैन में संदीपनी आश्रम, जानापाव पहाड़ी आध्यात्मिकता का अद्वितीय आनंद से परिपूर्ण है.
होम स्टे से ठहरना हुआ आसान
मध्यप्रदेश में पर्यटन स्थानीय समुदायों के विकास और उत्थान की प्रमुख धूरी बन रहा है. रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म की दिशा में बढ़ते हुए ग्रामीण पर्यटन स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाते हुए स्थानीय समृद्ध विरासत और संस्कृति को संरक्षित भी कर रहा है. ग्रामीण पर्यटन मिशन के तहत 100 से अधिक गांवों में 1000 होमस्टे का निर्माण किया जा रहा है.
मध्यप्रदेश खुद को भारत में एक अग्रणी फिल्म निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है. राज्य की फिल्म-अनुकूल नीति, सिंगल-विंडो क्लीयरेंस और आकर्षक प्रोत्साहन ने इसे प्रोडक्शन हाउस के लिए पसंदीदा विकल्प बना दिया है. हाल ही में मध्यप्रदेश के चंदेरी में शूट की गई फिल्म स्त्री-2 घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 600 करोड़ की कमाई करने वाली पहली हिंदी फिल्म बन गई है. एक कदम आगे जाते हुए भारत की तरफ से ऑस्कर में भेजी जाने वाली फिल्म लापता लेडीज भी मध्यप्रदेश में ही शूट हुई है. यह प्रदेश के लिए गौरव का विषय है.
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