World Heart Day : दुनिया भर में वर्ल्ड हार्ट डे 29 सितंबर को (29 September World Heart Day) मनाया जाता है. हार्ट संबंधित बीमारी (Heart Disease) से आज हर वर्ग जूझता हुआ दिखाई दे रहा है. बुजुर्गों के अलावा युवाओं और कम उम्र के बच्चों में भी यह बीमारी देखने को मिलने लगी है. इसी साल अप्रैल में तेलंगाना के एक गांव में 13 साल की बच्ची की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी. वही हाल ही में एक 8वीं क्लास के स्टूडेंट की जान हार्ट अटैक की वजह से चली गई. समय-समय पर देश के विभिन्न हिस्सों से कम उम्र में इस बीमारी से जान गंवाने वालों की खबरें आती रहती है. आइए जानते हैं आखिर क्या वजह है कि बच्चों में दिल की बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है?
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लाइफ स्टाइल बदलें, आउटडोर एक्टिविटी जरूरी
आजकल बच्चों में पढ़ाई का प्रेशर बहुत ज्यादा होता है, वहीं दूसरी ओर बच्चे में स्मार्टफोन की लत (Smartphone Addiction) बढ़ती जा रही है. खुली हवा में खेलने की बजाय आजकल के बच्चे मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम (Video Games) खेलने में दिलचस्पी रखते हैं. मोबाइल पर अधिक समय बिताने का सीधा असर बच्चों के दिमाग और उनकी शारीरिक क्षमता पर पड़ता है. बच्चे अगर आउटडोर गेम (Outdoor Games) खेलने नहीं जाते हैं तो उनकी फिजिकल एक्टिविटी प्रभावित होती है जिससे मोटापा और अन्य दिल संबंधी गंभीर बीमारी देखने को मिलने लगती हैं.
खान-पान का रखें ध्यान, जंक फूड कर सकता है परेशान
आजकल कम उम्र में ही बच्चे सॉफ्ट ड्रिंक (Soft Drink) पीना शुरू कर देते हैं, जो काफी खतरनाक है. इसके साथ ही स्ट्रीट फूड, जंक फूड (Junk Food) और फास्ट फूड (Fast Food) जैसे खानों का चलन काफी बढ़ता जा रहा है. कुछ सस्ते व्यंजनों में तो घटिया उत्पाद भी मिलाए जाते हैं जो शरीर को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इन फूड्स का अत्यधिक सेवन शरीर में कई प्रकार के रोगों को न्योता देता है. ऐसे में यह ख्याल रखना चाहिए की बच्चों को एक सुपर हेल्दी डाइट ही दी जाए.