Amarnath Yatra 2025: श्री अमरनाथ जी यात्रा के लिए तीर्थयात्री और श्रद्धालु 'हर हर महादेव' और 'बम बम भोले' के नारे लगा रहे हैं. जम्मू 'बम-बम भोले' के नारों से गूंज रहा है. भगवान शिव शंकर के जयकारों के बीच भगवती नगर बेस कैंप से बुधवार सुबह अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से पहला जत्था रवाना हुआ. पहले विधिवत पूजा-अर्चना की गई. इसमें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल हुए. पूजा के बाद उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. पहले चरण में लगभग 4500 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ यात्रा पर रवाना हुआ. उपराज्यपाल ने कहा, "एक बार फिर जम्मू में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन देखने को मिल रहा है. यह आतंकवाद पर एक बहुत बड़ा तमाचा है कि देशभर से श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू पहुंच रहे हैं."
श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. देशभर से श्रद्धालु यहां आए हैं. उत्साह बहुत अधिक है. भोलेनाथ के भक्त सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं. मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी."
आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब
पहले जत्थे में शामिल एक महिला ने कहा कि बहुत ही अच्छा लगा है. हमें इस बात की भी खुशी है कि हम पहले जत्थे के साथ रवाना हो रहे हैं. वहीं श्री अमरनाथ यात्रा के पहले जत्थे में शामिल एक श्रद्धालु शालू ने कहा, "हम दिल्ली से आए हैं, बहुत खुशी है लोगों को बहुत खुशी है... साल भर तक लोग इसका इंतजार करते हैं. खाने से लेकर रहने तक की व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं. डरने की कोई बात नहीं है. बहुत अच्छी सुरक्षा है."
सुरक्षा के मसले पर श्रद्धालुओं ने कहा कि जब तक हमारी सेना और प्रधानमंत्री मोदी हैं, तब तक कोई हमारा 'बाल भी बांका' नहीं कर सकता है. हमें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है. एक व्यक्ति ने कहा, "हम लोगों को यही संदेश देंगे कि बिना डर के यहां आएं. बिंदास होकर इस यात्रा के लिए पहुंच सकते हैं."
पुरानी मंडी मंदिर के महंत रामेश्वर दास ने कहा कि यात्रा में लोगों के मन में उत्साह है. लोगों में निडरता है, भोले के जयकारे गूंज रहे हैं. बाबा के दर्शन के लिए सरकार ने बहुत अच्छी सुविधाएं दी हैं. पहले के मुकाबले इस बार यात्रा अच्छी होगी. निडरता के साथ भक्त यात्रा के लिए निकलकर आ रहे हैं. लोगों में किसी तरह का कोई डर नहीं है.
उन्होंने कहा कि आज का दिन उन लोगों के लिए मुंहतोड़ जवाब है, जो इसे कमजोर करने के प्रयास करते हैं. लेकिन मेरा मानना है कि यात्रा इस बार और भी अच्छी होने वाली है.
कैसे पहुंचे / How to Reach Amarnath Cave
सड़क मार्ग Road Route: अमरनाथ गुफा एक पर्वतीय और दुर्गम स्थान पर स्थित है, यहाँ पहुंचने के देश के कई हिस्सों से सीधा सड़क मार्ग नहीं है. सड़क मार्ग से जाने के लिए पहले जम्मू जाना होगा, फिर वहां से श्रीनगर तक का सफर तय करना होगा, इधर से भक्त पहलगाम या बालटाल पहुंच सकते हैं. जहां से इस पावन यात्रा की शुरुआत होती है. जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से पहलगाम 92 किलोमीटर तो वहीं बालटाल 93 किलोमीटर स्थित है. वहीं दिल्ली से बस सुविधा अमरनाथ तक उपलब्ध है.
रेल मार्ग Rail Route: इस वर्ष अमरनाथ यात्रा कर रहे भक्त रेल मार्ग की सुविधा भी उठा सकते हैं, इसके लिए पहलगाम से सबसे नज़दीक स्टेशन उधमपुर पड़ेगा, जो लगभग 217 किलोमीटर दूर है. जम्मू कश्मीर से भी रेल उपलब्ध है, पर वह देश के बड़े शहरों को ही जोड़ता है, जबकि उधमपुर स्टेशन पूरे देश से जुड़ा है.
हवाई मार्ग Air Route: अमरनाथ यात्रा के लिए सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट 90 किलोमीटर दूर श्रीनगर है, दूसरा जम्मू एयरपोर्ट तक भी फ्लाइट ले सकते हैं. जो पहलगाम से 263 किलोमीटर दूर है. देश की राजधानी दिल्ली से श्रीनगर तक फ्लाइट 1 घंटा 30 मिनट की रहती है.
अमरनाथ यात्रा मार्ग: Amarnath Yatra Route
अमरनाथ की पवित्र गुफा तक पहचने के लिए 2 रूट निर्धारित हैं, जो पहलगाम और बालटाल हैं. ये दोनों ही रास्ते श्रीनगर से अच्छी तरह जुड़े है. हालांकि पहलगाम और बालटाल से आप किसी भी वाहन से पहुंच सकते हैं, पर वहां से पैदल यात्रा करनी होगी. पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा 48 किलोमीटर तो वहीं बालटाल से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
बालटाल रूट: Baltal Route to Amarnath Yatra
अमरनाथ यात्रा करने के लिए यह एक छोटा रूट माना जाता है, 14 किलोमीटर लम्बा है. यहां बेस कैंप भी बनाया गया है. इसके अलावा यहां से आपको पालकी, घोड़ा, हेलिकॉप्टर सेवा भी मिल जाएगी.
पहलगाम रूट: Pahalgam Route to Amarnath Yatra
इस रूट से पवित्र गुफा पैदल पहुंचने में लगभग 3 दिन का समय लगता है और यही मार्ग शुरुआत से एक ऐतिहासिक मार्ग रहा है. इस रूट में सफर करते समय कई पड़ाव आते है, पहला पड़ाव चंदनवाड़ी का आता है. जो पहलगाम के बेस कैंप से 16 किलोमीटर दूर है. यहाँ तक का सफर सीधा है, इसके बाद चढ़ाई शुरू होती है. चंदनवाड़ी के तुरंत बाद अगला बेस कैंप पिस्सू टॉप आता है, जो 3 किलोमीटर पर मौजूद है. इसके बाद 9 किलोमीटर दूर शेषनाग, फिर 14 किलोमीटर पंचतरणी, जो पवित्र गुफा के पहले एक आखरी बेस कैंप स्टॉप है. अमरनाथ गुफा यहां से 6 किलोमीटर दूर है.
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