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Shattila Ekadashi 2025: आज है षटतिला एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जानें तिल का महत्व

Shattila Ekadashi Date: षटतिला एकादशी बहुत पुण्यकारी होती है. इस दिन जरूरतमंदों की मदद करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है और पापों से मुक्ति मिलती है. ऐसे में यहां जानते हैं एकादशी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त

Shattila Ekadashi 2025: आज है षटतिला एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जानें तिल का महत्व

Shattila Ekadashi Kab Hai: माघ महीना का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है. इस महीने में पड़ने वाली षटतिला एकादशी बहुत पुण्यकारी होती है. इस दिन जरूरतमंदों की मदद करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है और पापों से मुक्ति मिलती है. ऐसे में यहां जानते हैं एकादशी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त.

षटतिला एकादशी 2025 कब है (Shattila Ekadashi 2025)

षटतिला एकादशी की तिथि 24 जनवरी की रात 7:25 बजे शुरू हुई है, जो 25 जनवरी की रात 8:31 बजे पर समाप्त होगी. उदयातिथि के कारण षटतिला एकादशी का व्रत 25 जनवरी, 2025 को रखा जाएगा. 

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त 2025 (Shattila Ekadashi Puja Muhurta 2025)

षटतिला एकादशी के मौके पर ब्रह्म मुहूर्त की पूजा का समय सुबह 05:26 बजे से 06:19 बजे तक रहेगा. वहीं संध्या में 5:53 बजे से 7:13 बजे तक है.

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:12 बजे से 12:55 बजे तक है.

विजय मुहूर्त- दोपहर 2:21 बजे से लेकर दोपहर 3:03 बजे तक रहेगा.

गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:52 बजे से 6:19 बजे तक रहेगा.

षटतिला एकादशी पर जरूर करें ये काम

षटतिला एकादशी पर तुलसी माला के 108 मंत्रों का जाप किया जाता है. मान्यता है कि एकदशी तिथि पर तुलसी माला के 108 नाम का जाप करने पर भगवान विष्णु अखंड सौभाग्य का वरदान देते हैं. 

षटतिला एकादशी का महत्व (Shattila Ekadashi Ka Mahatw)

हिंदू धर्म में षटतिला एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस एकादशी को करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है और दरिद्रता दूर होती है. कहा जाता है कि  षटतिला एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने और गरीब लोगों में तिल का दान करने से साधक के जीवन से दरिद्रता दूर हो जाती है.

षटतिला एकादशी पर तिल का महत्व

नाम से ही ज्ञात होता है षटतिला, जिसमें ‘षट' का अर्थ है छः और ‘तिला' का अर्थ है तिल. ऐसा कहा जाता है कि षटतिला एकादशी के मौके पर अगर आप छः प्रकार से तिल का उपयोग करते हैं, तो इससे साधक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

ऐसे करें षटतिला एकादशी पर तिल का उपयोग

1. पानी में तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए.

2. हवन में तिल का इस्तेमाल करना चाहिए.

3. तिल का तर्पण करना चाहिए.

4. अपनी क्षमता के अनुसार तिल का दान करना चाहिए.

5. तिल को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए.

6. तिल का उबटन लगाना चाहिए.

षटतिला एकादशी पारण का सही समय (Shattila Ekadashi Parana Time 2025)

जो भक्त षटतिला एकादशी का व्रत करते हैं उनके लिए पारण का सही समय रविवार, 26 जनवरी 2025 को सुबह 7:12 बजे से है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी एमपीसीजी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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