Reverse Walk.... ! ये शब्द सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है लेकिन इसके फायदे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. जी हां, आपने सही पढ़ा. बता दें कि नॉर्मल वॉकिंग करने से पैरों पर इतना जोर नहीं पड़ता, जितना रिवर्स वॉकिंग से पड़ता है. इससे शरीर को बैलेंस रखने और स्ट्रेंथ बढ़ाने में मदद मिल सकती है. साथ ही दिमाग की एकाग्रता को बढ़ाने में फायदा मिलता है. यकीन मानिए रिवर्स वॉक के कई फायदे हैं लेकिन यह नॉर्मल वॉकिंग के मुकाबले काफी मुश्किल भी है.
क्या है ये रिवर्स वॉक ?
दरअसल, रिवर्स वॉकिंग आपके शरीर और दिमाग के बीच के संतुलन को बेहतर बनाती है. नॉर्मल वॉक की जगह उल्टा चलने पर आपके दिमाग का पूरा ध्यान आपके शरीर के मूवमेंट पर होता है. इससे शरीर का संतुलन भी बढ़ता है और दिमाग की एकाग्रता भी. इसके साथ ही यह वजन कम करने में लाभदायक, मेंटल हेल्थ के लिए रामबाण, पीठ दर्द कम करने में मददगार, घुटनों के लिए फायदेमंद होने के अलावा और भी कई परेशानियों को दूर कर सकता है.
कई रिसर्च में हुआ खुलासा
एक स्टडी में ईस्ट लंडन विश्वविद्यालय के फिजियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ जैक मैकनामारा ने भी रिवर्स वॉकिंग को फायदेमंद बताया है. वहीं, मेलबर्न के ला ट्रोब विश्वविद्यालय में फिजियोथेरेपी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ बार्टन ने भी बताया है कि पीछे की ओर चलना मांसपेशियों और शरीर को चुनौती देता है, जो हम आमतौर पर अनुभव नहीं करते हैं. आसान शब्दों में समझें तो, इससे शरीर और दिमाग के बीच एक मजबूत तालमेल बैठने में भी मदद मिलती है.
सावधानियां भी जरूरी
स्पोर्ट्स मेडिसिन इंटरनेशनल के जर्नल में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट की मानें तो रिवर्स वॉक बेहतरीन और असरदार कार्डियो एक्सरसाइज है. जो नॉर्मल वॉक से ज्यादा असरदार है. हालांकि रिवर्स वॉक को थोड़ा रिस्की भी माना जाता है. उल्टा चलने में पीछे दिखाई नहीं देता है. ऐसे में कई बार गिरने का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन एक बार आप इसे करने की प्रैक्टिस कर लेते हैं तो ये आपके लिए आसान हो जाती है. साथ ही ऐसी जगह पर प्रैक्टिस करें जहां पीछे गिरने का खतरा न हो.