Holi Celebration Story: हर साल फाल्गुन माह में होली का त्योहार (Holi Festival) बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल मार्च में 25 तारीख को होली खेली जाएगी. रंगों के इस त्योहार (Festival of Colors) पर लोग एक-दूसरे से गले मिलकर रंग-गुलाल (Rang-Gulal) लगाकर होली के पर्व की शुभकामनाएं (Holi Wishes) देते हैं. होलिका दहन (Holika Dahan) से लेकर होली से जुड़ी कई कथाएं आपने सुनी होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं रंगों वाली होली क्यों खेली जाती है? इसके पीछे भगवान शिव और कामदेव (Lord shiva and kamdev Story) की रोचक कथा है. आइए जानते हैं कैसे होली खेलने की शुरूआत हुई? और धूमधाम से आज तक लोग रंग-गुलाल उड़ाकर इस त्योहार को मनाते हैं...
यह है कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार जब महादेव और माता पार्वती का विवाह नहीं हुआ था, लेकिन माता पार्वती महादेव से विवाह करना चाहती थी, पर तपस्या में डूबे महादेव का ध्यान उनकी ओर नहीं गया, माता पार्वती की इस परेशानी को देखकर कामदेव वहां आ पहुँचे, उन्होंने महादेव की तपस्या भंग करने के लिए उन पर पुष्प वाण चला दिए, इस बाण के कारण महादेव की आंखें खुल गईं और क्रोध से कामदेव अग्नि में भस्म हो गए. इसके बाद महादेव की दृष्टि माता पार्वती पर गई. माता पार्वती की इच्छा पूरी हुई और भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह रचा लिया.
उस दिन लोग फाल्गुन मास पर होलिका दहन कर रहे थे, इसी होलिका में कामदेव की वासना की मलिनता जलकल जलकर प्रेम में बदल गई और कामदेव का असली भाव से सृजन हुआ, इसका जश्न सभी ने मनाया इसके बाद से होली का त्योहार मनाने लग गए, बहुत कम लोग इस मान्यता को जानते हैं लेकिन आज होली के त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं.
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