अखरोट से हरी पत्तेदार सब्जियों तक, मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं ये चीजें 

आयुष मंत्रालय अखरोट को ब्रेन का पावर हाउस बताता है. अखरोट को 'ब्रेन फूड' कहा जाता है और यह बिल्कुल सही है. यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का बढ़िया सोर्स है, जो मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है.

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हमारा दिमाग सिर्फ विचारों से ही नहीं, बल्कि सही पोषण से भी सुचारू रूप से काम करता है. ऐसे में आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे अखरोट, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां और फलियां न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं.

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, इनका सेवन भावनात्मक संतुलन, एकाग्रता और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. इन खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दिया जा सकता है. रोजमर्रा की इन छोटी-छोटी चीजों से तनाव, चिंता और अवसाद से लड़ा जा सकता है.

आयुष मंत्रालय अखरोट को ब्रेन का पावर हाउस बताता है. अखरोट को 'ब्रेन फूड' कहा जाता है और यह बिल्कुल सही है. यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का बढ़िया सोर्स है, जो मस्तिष्क के कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है. नियमित रूप से अखरोट खाने से तनाव कम होता है, याददाश्त मजबूत होती है और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. रोजाना मुट्ठी भर अखरोट आपके दिमाग को तेज और स्वस्थ रख सकता है.

ब्रोकली भी फायदेमंद

अखरोट के साथ ही ब्रोकली भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है. इसे फोलेट का खजाना भी कहा जाता है. ब्रोकली न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसमें फोलिक एसिड (विटामिन बी9) प्रचुर मात्रा में होता है, जिसकी कमी अवसाद से जुड़ी होती है। फोलेट मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो मूड को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसे सलाद, सूप या सब्जी के रूप में डाइट में शामिल करना बेहद फायदेमंद होता है.

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हरी पत्तेदार सब्जियों को मानसिक शांति का आधार माना जाता है. पालक, मेथी और अन्य पत्तेदार साग मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान हैं. इनमें फोलेट, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में मदद करते हैं. ये सब्जियां मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाती हैं और भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं. इन्हें रोजाना अपने भोजन में शामिल करना आसान और प्रभावी है.

फलियां, जैसे राजमा, चना और दाल, फाइबर से भरपूर होती हैं, जो ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को स्थिर रखती हैं. स्थिर ब्लड ग्लूकोज मूड स्विंग को रोकने में मदद करता है. इसके अलावा, फलियों में ट्रिप्टोफैन होता है, जो सेरोटोनिन के उत्पादन में सहायता करता है. सेरोटोनिन एक ऐसा रसायन है, जो खुशी और शांति का एहसास देता है.

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