Dussehra 2024: विजयादशमी पर RSS का शस्त्र पूजन, मोहन भागवत ने क्या कहा जानिए?

Vijayadashami Utsav Nagpur: कोलकाता की घटना पर मोहन भागवत ने कहा कि कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में घटी घटना सारे समाज को कलंकित करने वाली लज्जाजनक घटनाओं में एक है. यह संस्कार की गिरावट का ही यह परिणाम है कि "मातृवत् परदारेषु" के आचरण की मान्यता वाले हमारे देश में बलात्कार जैसी घटनाओं का मातृशक्ति को कई जगह सामना करना पड़ रहा है. आइए जानते हैं नागपुर से आरएसएस प्रमुख ने क्या कुछ कहा?

विज्ञापन
Read Time: 5 mins

Dussehra 2024 RSS Vijayadashami Utsav Nagpur:  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव (Vijayadashami Utsav Nagpur) नागपुर में धूमधाम के साथ शुरू हुआ. इस अवसर पर संघ प्रमुख (RSS Sarsanghchalak) मोहन भागवत (Dr Mohan ji Bhagwat) ने शस्त्र पूजन (Shastra Puja) किया. कार्यक्रम में इसरो (ISRO) के पूर्व चेयरमैन डॉ के राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान नागपुर के स्वयंसेवकों (Swayamsevak) ने पारंपरिक पथ संचलन में भाग लिया. कार्यक्रम के दौरान आरएसएस बैंड ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया. नागपुर में सुबह से ही बारिश होने के बावजूद स्वयंसेवकों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई. तमाम स्वयंसेवकों ने धैर्यपूर्वक और पूरे जोश के साथ समारोह में भाग लिया. इसके अलावा, आरएसएस कार्यालय पर संघ का ध्वजारोहण भी किया गया. मोहन भागवत ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लिया. आरएसएस का यह उत्सव हर साल की तरह इस बार भी सांस्कृतिक और धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया.

Advertisement

RSS के 99 वर्ष पूरे

आज आरएसएस की स्थापना के 99 साल पूरे हो रहे हैं. साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना हुई थी, इसलिए विजयदशमी आरएसएस के लिए कई मायनों में अहम है. डॉ बलराम कृष्ण हेडगेवार ने 1925 में विजयादशी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी. आज दुनिया भर के कई देशों में आरएसएस की शाखा लगती है. आरएसएस के 99 साल के सफर में तीन बार संगठन पर बैन भी लग चुका है.

Advertisement

परिस्थितियां चुनौतियां देती हैं, हमें भविष्य के लिए तैयार होना है: मोहन भागवत

नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन के बाद अपने संबोधन में विज्ञान, हिंदुओं पर होते हमलों, सनातन मूल्यों, हमास इजरायल समेत तमाम मुद्दों पर राय रखी। उन्होंने भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का मंत्र भी दिया.

Advertisement
मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अहिल्‍याबाई होल्‍कर और दयानन्द सरस्वती द्वारा देश सेवा के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया. कहा कि आज के दिन अपने कार्य के सौ वर्ष में संघ पदार्पण कर रहा है. ये विशेष इसलिए भी है क्योंकि महारानी दुर्गावती, महारानी होल्कर और महर्षि दयानंद का भी 200वां जन्म जयंती वर्ष चल रहा है. इनकी याद करना इसलिए जरूरी है कि इन लोगों ने देश, समाज और संस्कृति के हित में काम किया.

दयानन्द सरस्वती को याद करते हुए मोहन भागवत ने कहा, "लंबी गुलामी के बाद जो भारत का पुनरुत्थान शुरू हुआ, उसके पीछे दयानंद सरस्वती थे. अपने मूल को समझकर काल सुसंद आचरण करें. उन्होंने जनों की जागरूक करने का महा प्रयास किया है. उनकी वजह से ही आगे चलकर कई तरह के आंदोलन भी हुए. आज उनको याद करने का भी समय है."

उन्होंने आगे कहा कि परिस्थितियां हमें चुनौतियां देती हैं, फिर चाहे वो दुनिया की हों या देश की हमें भविष्य के लिए तैयार होना है, भविष्य इस तकनीक के कारण कई नई सुविधाएं लेकर आएगा, विज्ञान कई सुविधाएं लेकर भी आया है। इस सुखी मानव समाज में अपने स्वार्थ और अहंकार के कारण कैसे-कैसे संघर्ष चलते हैं. यह हम देखते रहते हैं.

दुनिया में चल रहे संघर्ष को लेकर उन्होंने कहा कि इजरायल के साथ हमास के साथ युद्ध में कौन-कौन झुलसेगा और इससे कौन से संकट पैदा होंगे, इसकी चिंता सबको है. अपना देश आगे बढ़ रहा है. हम तकनीक के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे सब क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है। समाज की समझदारी भी बढ़ रही है.

शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है : भागवत

जम्मू-कश्मीर में हुए चुनावों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए. इसका ही परिणाम हम देखते हैं कि सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है. हमारा योग सारी दुनिया में एक फैशन बनता जा राह है. उसके शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है."

बांग्लादेश में हिंदुओं संग हुई ज्यादती पर संघ प्रमुख बोले, "भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब कोई भी देश जो आगे बढ़ रहा है, उसकी राह में अड़ंगा लगाने वाले लोग भी बहुत सारे होते हैं. इसलिए दूसरे देशों की सरकारों को कमजोर करना दुनिया में चलते रहता है. अब हमारे पड़ोस में बांग्लादेश में क्या हुआ हमने देखा. उस उत्पात के कारण हिंदू समाज पर फिर से हमला हुआ. वहां कट्टरपन की मानसिकता जब तक है, तब तक वहां हिंदुओं ही नहीं बल्कि अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले का खतरा बरकरार रहेगा.'

उन्होंने आगे कहा कि दुर्बल रहना अपराध है, हिंदू समाज को ये समझना चाहिए. व्यवस्थित और संगठित होकर ही आप किसी चीज का मुकाबला कर सकते हैं. अगर असंगठित रहते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

यह भी पढ़ें : Dussehra 2024: MP में धूमधाम से मनेगा दशहरा, विजयादशमी पर CM मोहन इंदौर-महेश्वर में करेंगे शस्त्र पूजन

यह भी पढ़ें : Dussehra 2024: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, विजयादशमी पर जानिए शस्त्र पूजा विधि से रावण संहार कथा तक

यह भी पढ़ें : Dussehra 2024: नीलकंठ दर्शन से बन जाते हैं सारे काम, दशहरे के दिन क्या है इस पक्षी का महत्व? जानिए यहां

यह भी पढ़ें : MP में गोवर्धन पूजा के साथ मनेगा MSP पर सोयाबीन खरीदी उत्सव, इस काम के लिए किसानों को मिलेगा अनुदान