Puja Niyam: हमारे सनातन हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. लोग रोज़ाना भगवान की पूजा करते हैं और अपना आभार व्यक्त करते हैं. लोग अपने दिन की शुरुआत भगवान को याद करते हुए करते हैं और नियमित रूप से भगवान को पूजते हैं... लेकिन कई बार हमें सही-तरीके से पूजा पाठ करने के नियम नहीं पता होते.. और हम जाने-अनजाने पूजा के दौरान कुछ ऐसी गलितयां कर देते हैं जो शास्त्रों में वर्जित होती हैं. ऐसे में आज हम आपको नियमित पूजा से जुड़े हुए कुछ नियमों की जानकारी आपको देने जा रहे हैं. आइए पंडित दुर्गेश के बताए गए नियमों को जानते हैं:
आसन पर ही करें पूजा
इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी आसन के बिना पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है इसीलिए जब भी पूजा करें, आप आसन पर बैठकर ही करें. आसन के बिना की गई पूजा फलदायी नहीं होती है इसीलिए अपने पास ख़ुद का आसन रखें और जब आप पूजा पाठ करें तो उस पर ही बैठे.
आसन के नीचे जल चढ़ाएं
ऐसा कहा जाता है कि पूजा करने के बाद आसन जरूर हटा देना चाहिए. ऐसा न करने से पूजा पर दोष लगता है. यदि आप चाहते हैं कि आप इस दोष से मुक्त रहें तो आपको आसन पड़ा हुआ नहीं छोड़ना चाहिए और आसन उठाने से पहले आसन के नीचे जल चढ़ाना चाहिए.
मंदिर की सफाई
जब भी पूजा करें इस बात का ध्यान रखें कि मन की पवित्रता हो या मंदिर/घर की....पूजा से पहले करनी बेहद जरूरी है. इसलिए आप पूजा करने से पहले मंदिर को अच्छी तरह से साफ कर लें और पूजा के बाद भी मंदिर को साफ करके रखें.
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