Christmas 2025: क्रिसमस पर Santa Claus का सीक्रेट गिफ्ट मिला क्या? जानिए सांता क्लॉज की कहानी, कौन थे ये

Christmas Day 2025: क्रिसमस की परंपराएं भी बहुत खास हैं. क्रिसमस ट्री लगाना, उस पर सितारे, बॉल्स, लाइट्स और गिफ्ट्स सजाना सबसे लोकप्रिय है. बच्चे सांता क्लॉज का इंतजार करते हैं, जो रात में चिमनी से आकर उपहार रख जाता है.

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Christmas 2025: क्रिसमस पर Santa Claus का सीक्रेट गिफ्ट मिला क्या? जानिए सांता क्लॉज की कहानी, कौन थे ये

Christmas Day 2025: भारत में क्रिसमस (Christmas 2025) का स्वरूप पूरी तरह अनोखा है. यहां यह सिर्फ धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव बन चुका है, जिसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं. क्रिसमस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि प्रेम, एकता और दान का संदेश है. गरीबों को भोजन और कपड़े बांटना और जरूरतमंदों की मदद करना इस त्योहार का मूल मंत्र है. क्रिसमस के दिन लोग एक दूसरे को गिफ्ट (Christmas Gift) और बधाई संदेश भी देते हैं. इस दिन को लेकर ऐसा कहा जाता है कि सेंटा क्लॉज (Santa Claus) गिफ्ट बांटने आता है. आइए जानते हैं कौन सेंटा.

जानिए कौन है सेंटा? (Who is Santa Claus?)

कहा जाता है सेंटा का असली नाम संत निकोलस था. इनसे जुड़ी कहानी पढ़ने के बाद पता चलता है कि ये चौथी शताब्दी के दौरान थे. निकोलस मायरा में रहते थे, वे बेहद अमीर थे लेकिन उनका परिवार नहीं था. इसलिए उन्होंने अपनी धन-दौलत के जरिए गरीबों की मदद करने का विचार किया. लेकिन इस नेक काम को वे छिपकर करना चाहते थे. इसी आइडिया के साथ उन्होंने गुप्त तरीके से लोगों की मदद करना शुरू कर दिया.

एक कहानी के अनुसार उस दौर में एक गरीब व्यक्ति को अपनी बेटी की शादी करनी थी लेकिन उसके पास धन नहीं था. जब निकोलस को इस बात का पता चला, तब उन्होंने गरीब की मदद करने का प्लान बनाया. निकोलस रात के अंधेरे में उस गरीब की झोपड़ी के पास पहुंच गए. वहां जाकर उन्होंने गरीब के घर की छत से धन से भरा बैग अंदर डाल दिया. छत के नीचे एक चिमनी लगी थी, जिसके पास मोजे भी सूख रहे थे. जब निकोलस ने बैग डाला तो ये मोजे के पास जाकर गिरा था.  ऐसा करते हुए उस गरीब व्यक्ति ने उन्हें देख लिया.

इसके बाद निकोलस उस व्यक्ति के पास पहुंचे और इसके बारे में किसी को कुछ न बताने को कहा. उसके बाद से जब भी किसी को कोई सीक्रेट गिफ्ट मिलता, तो लगता कि यह निकोलस ने दिया है. धीरे-धीरे निकोलस की कहानी लोगों के बीच पॉपुलर होती गई और क्योंकि निकोलस को बच्चे बेहद पसंद थे तो बाद में क्रिसमस पर बच्चों को तोहफे देने का प्रथा बन गई. ऐसा कहा जाता है कि निकोलस की यीशु में गहरी आस्था थी जिसकी वजह से वे बाद में पादरी बन गए और उनको संत की उपाधि दे दी गई. इसके बाद से क्रिसमस के दिन सीक्रेट सेंटा बनने का रिवाज बढ़ता गया.

क्रिसमस की परंपराएं

क्रिसमस की परंपराएं भी बहुत खास हैं. क्रिसमस ट्री लगाना, उस पर सितारे, बॉल्स, लाइट्स और गिफ्ट्स सजाना सबसे लोकप्रिय है. बच्चे सांता क्लॉज का इंतजार करते हैं, जो रात में चिमनी से आकर उपहार रख जाता है. कैरल गायन, मिडनाइट मास, स्पेशल डिनर (टर्की, प्लम केक, कुकीज, एप्पम, स्ट्यू आदि) और एक-दूसरे को गिफ्ट देने की परंपरा हर जगह नजर आती है. भारत में तो यह और भी रंगीन है. यहां क्रिसमस ट्री की जगह कभी आम या केले के पेड़ भी सजाए जाते हैं और स्टार लालटेन घरों के आंगन में चमकती हैं. भारत में गोवा, केरल, मेघालय, नगालैंड और मिजोरम जैसे राज्यों में, जहां ईसाई आबादी अधिक है, वहां उत्सव की धूम अलग ही होती है. साथ ही दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, इंदौर और बस्तर जैसे शहरों में भी बाजार जगमगाते हैं. चर्चों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है और प्लम केक, कुकीज तथा स्पेशल डिशेज की महक हर गली में फैल जाती है.

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