Buddha Purnima 2025: देश में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. बौद्ध धर्म में इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. वहीं एक मान्यता यह भी है कि इसी तिथि पर भगवान बुद्ध को बोध गया के बोध वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. कुछ तथ्य यह भी मिलते हैं कि इसी दिन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुद्ध को महानिर्वाण प्राप्त हुआ था. इस दिन स्नान दान का बड़ा महत्व है. वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने बुद्ध पूर्णिमा की देशवासियों को बधाई दी है.
बुद्ध जयंती Buddha Jayanti
बुद्ध के उपदेशों से बौद्ध धर्म का जन्म हुआ. उनके उपदेशों पर आधारित जीवन जीने वाले बौद्ध कहलाए. दक्षिण और पूर्वी एशिया में बौद्ध धर्म का बहुत प्रसार हुआ. चीन, वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, थाईलैंड, जापान जैसे देशों में बड़ी संख्या में बौद्ध मतावलंबी हैं. बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जयंती को बुद्ध पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था जिन्होंने वैशाख पूर्णिमा के दिन जन्म लिया था. माता माया देवी और पिता शुद्धोधन के यहां बालक सिद्धार्थ गौतम ने जन्म लिया जिन्होंने बड़े होकर ज्ञान की प्राप्ति की. उनके उपदेश दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचे.
वैशाख पूर्णिमा
हिंदू धर्म मानने वाले वैशाख पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान, व्रत, दान और पितरों के नाम तर्पण करते हैं. पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 11 मई रात 8 बजकर 1 मिनट पर होगा, जिसका समापन 12 मई रात 10 बजकर 25 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा 12 मई को मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि सोमवार को शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी जिसका प्रारंभ रविवार शाम 6 बजकर 55 मिनट से हुआ था.
इसके लिए चंद्रोदय के समय एक लोटे में जल, दूध और अक्षत डाल लें और आसमान में उदित चंद्रमा की तरफ अर्घ्य दें. इस बार वैशाख पूर्णिमा पर रवि योग बन रहा है. वहीं, पूरे दिन बुधादित्य योग और वरियन योग का भी प्रभाव रहेगा. वैशाख पूर्णिमा पर आज कुछ राज्यों में बैंक और स्कूल बंद हैं, लेकिन शेयर बाजार खुला है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन वरियान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है, जो इस पर्व को और भी खास बनाता है. रवि योग का समय सुबह 5:32 मिनट से लेकर 6:17 मिनट तक रहेगा, जबकि भद्रावास योग सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगा.
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं Budh Purnima wishes 2025 :
- “नफरत को नफरत से नहीं, केवल प्रेम से ही समाप्त किया जा सकता है”
- “शांति उस समय आती है जब हम अपने भीतर के संघर्ष को समाप्त कर लेते हैं”
- “जीवन एक हीरे की तरह है, वह केवल तभी चमकता है जब उसे सही तरीके से तराशा जाए”
किसने कैसे दी बधाई?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा, "बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों और पूरे विश्व में भगवान बुद्ध के अनुयायियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं. करुणा के प्रतीक महात्मा बुद्ध का अहिंसा, प्रेम और करुणा का अमर संदेश समस्त मानवता के कल्याण का मूल मंत्र है. उनके आदर्शों से समानता, सद्भाव और न्याय जैसे शाश्वत मूल्यों में हमारी आस्था प्रबल होती है. उनकी शिक्षाएं हम सबको नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं. आइए, हम सब महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाएं और अपने जीवन में सदाचार का अनुसरण करते हुए शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं विकसित भारत के निर्माण में योगदान करें."
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, "सभी देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं. सत्य, समानता और सद्भाव के सिद्धांत पर आधारित भगवान बुद्ध के संदेश मानवता के पथ-प्रदर्शक रहे हैं. त्याग और तप को समर्पित उनका जीवन विश्व समुदाय को सदैव करुणा और शांति के लिए प्रेरित करता रहेगा."
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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