Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के ध्रुव तारा तो थे ही साथ ही अजातशत्रु भी थे. संसद के दोनों सदन में इन दिनों जबरदस्त गतिरोध है. लोकतंत्र का यह मंदिर शोर-शराबे और आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बन गया है. 'वोट चोरी' जैसे आरोपों की गूंज संसद की गरिमा पर सवाल खड़े कर रही है. हालांकि, इतिहास गवाह है कि कभी इसी संसद में मतभेदों के बीच भी मर्यादा और परिपक्वता का स्तर अलग होता था, जब जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता आमने-सामने होते थे, तब संसद की गरिमा बनी रहती थी. मौजूदा मानसून सत्र के हालातों को देख अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर उन्हीं से जुड़ा एक किस्सा याद आता है.
वाजपेयी 'एक दिन' गद्दी संभालेंगे : नेहरू
पंडित जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी में कई समानताएं थीं. नेहरू और वाजपेयी, दोनों ही अपनी-अपनी पार्टियों से भारत के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले नेता थे. इसी से जुड़ा एक किस्सा यह है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री के रूप में जवाहर लाल नेहरू ने भविष्यवाणी की थी कि वाजपेयी 'एक दिन' उनकी गद्दी संभालेंगे.
पंडित नेहरू के साथ अटल बिहारी वाजपेयी के मतभेद थे, जो संसद में चर्चा के दौरान गंभीर रूप से उभरकर सामने आते थे. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी की पंडित नेहरू के साथ सदन में नोकझोंक भी हुआ करती थी. खासकर, उस समय अटल बिहारी वाजपेयी सदन में नए थे और पीछे बैठने की जगह मिलती थी. अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में दिए अपने एक भाषण में इसका बखूबी जिक्र किया था.
एक बार पंडित नेहरू से अटल बिहारी वाजपेयी ने कह दिया था कि 'आपका मिला-जुला व्यक्तित्व है. आपमें चर्चिल भी है और चेम्बरलेन भी है.' बावजूद इसके जवाहर लाल नेहरू नाराज नहीं हुए थे, बल्कि एक शाम को एक मुलाकात में ही कह दिया था कि आपने शानदार भाषण दिया है.
ग्वालियर के लड्डू और मंगोड़े से उनका अद्भुत प्रेम था
ग्वालियर के आम लोगों की तरह अटल बिहारी खाने के बड़े शौकीन थे. वो ग्वालियर आएं और बहादुरा के प्रसिद्ध लड्डू और फुटपाथ पर बैठकर मंगौड़े बनाकर बेचने वाली अम्मा के मंगोड़े न खाए ये तो होता ही नहीं था. उनके करीब रहे लोग बताते हैं कि सांसद और राष्ट्रीय नेता होने के बावजूद अचानक बिना बताए कभी भी सिर्फ लड्डू और मंगोड़े खाने ग्वालियर आ जाते थे. जब प्रधानमंत्री बने थे तो वे ग्वालियर से लड्डू मंगवाते थे. खासकर उनके जन्मदिन की पार्टी में ये लड्डू होते ही थे.
जब लालू यादव ने सुनाया किस्सा
एक बार चुटकी लेते हुए राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी संसद में इसका जिक्र किया था. अटल बिहारी वाजपेयी सामने बैठे थे. उन्हीं की बातों को दोहराते हुए लालू यादव बोले, "आप कह रहे थे कि आपसे नेहरू जी ने कहा कि अटल एक दिन प्रधानमंत्री बनेगा. यह रिकॉर्ड में है. नेहरू ने एक बार के लिए बोला था, लेकिन आप दो बार प्रधानमंत्री बन गए. आप मुल्क की जान छोड़िए." लालू के इस अंदाज पर खुद अटल बिहारी वाजपेयी भी सदन में हंस पड़े थे.
जनता के बीच प्रसिद्ध अटल बिहारी वाजपेयी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे. 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया. वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे. पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वह पहले ऐसे पीएम थे, जो लगातार दो बार प्रधानमंत्री बने. 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हुआ था.
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