Air Pollution: आजकल बढ़ गया है आपका गुस्सा? जानिए बढ़ते प्रदूषण और इसका कनेक्शन

कई रिसर्च से तो यह भी पता चला है की ज्यादा पॉल्यूशन या पॉल्यूशन वाले शहरों में रहने वाले लोगों को नींद ना आना ,सर दर्द होना, व्यवहार में बदलाव होना और मानसिक थकान जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. प्रदूषण से दिमाग पर नेगेटिव असर होता है .जिससे व्यक्ति का गुस्सा और चिड़चिड़ा पन बढ़ जाता है.

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आजकल बढ़ गया है आपका गुस्सा? बढ़ता प्रदूषण है इसकी वजह

Air Pollution: एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) की समस्या तो पहले केवल दिल्ली में देखी जा रही थी ,लेकिन अब ऐसा लग रहा है यह समस्या हर तरफ बढ़ती ही जा रही है. और इसके बढ़ने की वजह से आम लोगों को काफी प्रॉब्लम्स हो रही है. लोगों में चिड़चिड़ापन (Irritability) ,गुस्सा (Anger) और तनाव (Tension) जैसी काफी समस्याएं बढ़ गई है . प्रदूषण बढ़ने की वजह से लोगों की मनोबल और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ रहा है .कई रिसर्च से तो यह भी पता चला है की ज्यादा पॉल्यूशन या पॉल्यूशन वाले शहरों में रहने वाले लोगों को नींद ना आना ,सर दर्द होना, व्यवहार में बदलाव होना और मानसिक थकान जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. प्रदूषण से दिमाग पर नेगेटिव असर होता है .जिससे व्यक्ति का गुस्सा और चिड़चिड़ा पन बढ़ जाता है.

1. नुकसान पहुंचा रहा हैं प्रदूषण

एयर पॉल्यूशन में बहुत से हार्मफुल सब्सटेंस और गैस होते हैं .जो हमारे दिमाग तक पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचाती हैं. खासकर जो लोग पॉल्यूशन वाले एरिया में रहते हैं,या काम करते हैं. उन्हें अल्जाइमर ,डिमेंशिया ,भूलने की बीमारी और अस्थमा जैसे कई खतरनाक बीमारी होने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है.रिसर्च के अनुसार यह साबित भी हो चुका है, कि पॉल्यूशन ब्रेन के लिए हार्मफुल है और तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संचार में बाधा डालता है, इससे याददाश्त कमजोर होती है और अल्जाइमर जैसी बीमारियां हो जाती है.

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2. स्ट्रेस हार्मोन भी बढ़ता है

जब आप पोल्यूटेड एरिया में रहते हैं और पॉल्यूशन से भरी हुई हवा आपके अंदर जाती है तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन का डिस्चार्ज बढ़ जाता है. यह हार्मोन हमारे मेंटल हेल्थ को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं और इसके नॉर्मल प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करते हैं. उसका रिजल्ट यह होता है कि आपके शरीर को चिंता और तनाव महसूस होने लगता है. साथ ही आपकी याददाश्त, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और डिसीजन लेने की शक्ति में भी कमी आती है.

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3. विक्टिम ऑफ लोनलीनेस

बढ़ते पॉल्यूशन में आपका खुद का भी मन नहीं करता कि आप घर से बाहर जाएं और लोगों से मिले. इस बढ़ते पॉल्यूशन की वजह से आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलना जुलना भी कम कर देते है इस वजह से लोगों को अकेलापन महसूस होने लगता है और यह भी एक वजह हो सकती है कि आप में चिड़चिड़ापन आ जाए.

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