Johaar : निसंतान महिलाओं के ऊपर से गुजरते हैं बैगा जनजाति के लोग, संतान प्राप्ति की अनोखी प्रथा

'परण' नाम की प्रथा में निसंतान महिलाएं लेट जाती है और बैगा जनजाति के लोग उनके ऊपर से निकलते रहते हैं. मान्यता है कि इस प्रथा के बाद माता की कृपा से महिलाओं को संतान की प्राप्ति हो जाती है.

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धमतरी में मड़ई मेले के दौरान अंगारमोती के मंदिर में परण नाम की पुरानी प्रथा का आयोजन किया जाता है.
धमतरी (छत्तीसगढ़):

Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ यूं तो एक ऐसा प्रदेश (Chhattisgarh State) है जहां आज भी कई पुरानी मान्यताएं, प्रथाएं, परंपराएं जीवित हैं. ऐसी ही एक अनोखी प्रथा (Unique Rituals) के बारे में आज हम आपको बताएंगे, जिसे जानकर आपको बड़ा ही आश्चर्य होगा. अगर आप इस प्रथा (Rituals) को अपनी आंखों से देखेंगे तो अपने दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो जाएंगे.

धमतरी में अनोखी प्रथा

देशभर में कई जगह मेले लगते हैं. एक मेला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी (Dhamtari) में भी लगता है, लेकिन यह मेला अन्य मेलों से काफी अलग होता है. दीपावली (Dipawali) के बाद धमतरी (Dhamtari) में हर साल मड़ई मेले का आयोजन किया जाता है. इस खास मेले में अंगारमोती के मंदिर में संतान प्राप्त करने के लिए एक अनोखी प्रथा का आयोजन किया जाता है. यह प्रथा काफी समय से चलती आ रही है.

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पेट के बल लेटती हैं महिलाएं

इस प्रथा में महिलाएं पेट के बल लेटती हैं और बैगा जनजाति के लोग उनके ऊपर से होकर निकलते हैं. इस प्रथा को 'परण' कहा जाता है. यहां मान्यता है कि ऐसा करने से निसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति हो जाती है. इस प्रथा के दौरान महिलाएं नींबू, नारियल और पूजा की सामाग्री लेकर लेट जाती हैं. इस प्नथा के दौरान लेटने वाली महिलाओं के बाल पूरी तरह से खुले होते हैं. इसके बाद इन लेटी हुई महिलाओं के ऊपर बैगा जनजाति के लोग चढ़कर निकलते रहते हैं. मान्यता के अनुसार इस तरह से लेटी हुई महिलाओं को माता की कृपा मिलती है और निसंतान महिलाओं को संतान की प्राप्ति हो जाती है. 

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