Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में 'आठ मान एवं 32 धूनी नाथ समागम' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. ये आयोजन बुधनी विधानसभा अंतर्गत ग्राम जर्रापुर में आयोजित हुआ है. इस बीच राजस्थान के तिजारा खैरथल से विधायक महंत बाबा बालक नाथ भी मौजूद रहें. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि दुनिया के सभी देश, भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जिज्ञासा रखते हैं. भारत को जानने के लिए भारत में प्राचीन काल से चली आ रही, सनातन संस्कृति को जानना आवश्यक है.खास बात ये है कि सीएम ने संतों की मांग पर बुधनी में नर्मदा के किनारे घाट निर्माण कराने की घोषणा की है.
'योग में नाथ संप्रदाय का प्रमुख योगदान रहा'
सीएम ने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी ने प्राचीन काल से चली आ रही भारत की योग परंपरा को संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थापित किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का वास्तविक अर्थ समझाया है. आदि गुरु गोरखनाथ के मार्गदर्शन में योग के विश्व के सर्वाधिक प्रसार में नाथ संप्रदाय का प्रमुख योगदान रहा है."
'विपरीत परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना लेते थे'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य की आत्मा में परमात्मा विराजमान हैं. उन परमात्मा को जानने का सबसे सुगम माध्यम योग है. गुरु गोरखनाथ अपनी योग्यता एवं कुशलता से अपने जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों एवं विपरीत परिस्थितियों को भी अपने अनुकूल बना लेते थे. यह सत्य है, कि जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है, लेकिन मृत्यु से पहले अपने आप को जानने की कला गुरु गोरखनाथ ने दुनिया को सिखाई है.
'हम सभी सौभाग्यशाली हैं'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमारे भारत की भूमि पर ऐसे संत हुए है, जिन्होंने इस भूमि को अपनी जन-कल्याण की भावना से पावन किया है. जिस प्रकार गंगा अपना अमृत समान जल सभी प्राणियों को निस्वार्थ भाव से उनके कल्याण के लिए प्रदान करती है, उसी प्रकार संत अपने जीवन के सभी सुखों को त्याग कर सभी प्राणियों एवं समाज के कल्याण के लिए कार्य करते हैं. उन्होंने कहा कि गुरु गोरखनाथ ने संत श्री भर्तृहरि के जीवन में आत्म चेतना को जगा कर उनका जीवन बदल दिया था.
'सनातन संस्कृति सदैव आगे बढ़ती रही'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रचीनकाल से ही विश्व में अनेक संस्कृतियां रही हैं, पर समय के साथ अनेक संस्कृतियां ध्वस्त हो गई, पर भारत की सनातन संस्कृति अपनी मानव कल्याण की भावना के साथ सदैव आगे बढ़ती रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का वर्चस्व पूरी दुनिया में बढ़ रहा है. जब हमारे देश में विदेश से अतिथि आते हैं, तो वे भी भारत की संस्कृति से बहुत प्रभावित होते हैं. उन्होंने कहा कि रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता हमारे भारत की सनातन संस्कृति के पवित्र ग्रंथ है. हमें इनका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना चाहिए.
ये ग्रंथ हमारे भारत में प्राचीन काल से प्रचलित सनातन संस्कृति की पहचान भी है. उन्होंने संतों की मांग पर बुधनी में नर्मदा के किनारे घाट निर्माण कराने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार साधु संतों की सेवा के लिए निरंतर तत्पर है और उनकी आवश्यकतानुसार उज्जैन में भी आश्रम के लिए वैधानिक तौर पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.
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