मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में नर्सिंग के छात्र (nursing student) बीते तीन साल से परीक्षा (exam) होने का इंतजार कर रहे हैं. धीरे-धीरे उनके सब्र का बांध टूटने लगा है. अब नर्सिंग छात्र प्रदर्शन (protest) करने लगे हैं. आज जबलपुर में नर्सिंग स्टूडेंट्स का खुला प्रदर्शन देखने को मिला. कलेक्ट्रेट (collectorate) का घेराव करने पहुंचे स्टूडेंट्स के उग्र तेवर देखकर प्रशासन को वाटर कैनिंग और हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
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बिना परीक्षा फर्स्ट से लेकर थर्ड सेशन की पढ़ाई
मध्यप्रदेश में नर्सिंग के स्टूडेंट्स प्रशासनिक नाकामियों की वजह से काफी त्रस्त हैं. छात्र बिना परीक्षा पहले से लेकर तीसरे सत्र तक की पढ़ाई कर चुके हैं, लेकिन आज तक उनकी फर्स्ट ईयर की परीक्षा नहीं हो पाई है. बीते 3 साल से परीक्षा का इंतजार करते-करते जब छात्र थक गए तो तब उन्होंने जनरल प्रमोशन दिए जाने की मांग तेज कर दी है. आज जबलपुर में सिविक सेंटर पर नर्सिंग छात्र-छात्राएं इकट्ठा हुए और फिर कलेक्ट्रेट तक मार्च किया. इस दौरान पुलिस ने कलेक्ट्रेट पहुंचने को आमादा छात्र-छात्राओं पर वाटर कैनिंग का प्रयोग किया.
संगठन का आरोप सरकार नहीं दे रही है ध्यान
नर्सिंग छात्र संगठन के जिला अध्यक्ष महेश कुमार का कहना था कि परीक्षाएं नहीं होने से स्टूडेंट्स काफी परेशान हैं. लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. लगातार छात्र गुजरता जा रहा है. परीक्षाएं न होने की वजह से जहां एक ओर छात्र-छात्राएं अवसाद में जा रहे हैं, वहीं अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतिंत हैं.
संस्थान दे रहा है सफाई
नर्सिंग घोटाले और मान्यता संबंधी पेंच मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में फंसा हुआ है. विश्वविद्यालय का कहना है कि जैसे ही माननीय अदालत कोई दिशा निर्देश देती है वैसे ही नर्सिंग छात्रों की परीक्षाएं करा ली जाएंगी.