
स्वच्छता में लगातार छह साल से नंबर वन रहने वाले इंदौर शहर के नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. अब इंदौर का पूरा लैंड रिकॉर्ड मतलब जितनी भी जमीनें हैं उसका रिकॉर्ड जो कागजों में दर्ज था, उसका डिजिटलाइजेशन कर दिया गया है. इस उपलब्धि को हासिल करने पर इंदौर कलेक्टर डोक्टर इलैया राजा टी को देश की राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने दिल्ली में सम्मानित किया. इंदौर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर एक और पहचाना मिल गई है. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी.को लैंड रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने हेतु भूमि सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया.
इस मौके पर अधीक्षक भू अभिलेख अनिल मेहता भी साथ थे. डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के अंतर्गत भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के हाथों कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी सम्मानित हुए. यह सम्मान भू-अभिलेखों को बेहतर ढंग से मॉडर्नाइजेशन करने के लिए दिया गया है. राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान प्रदान किया गया. भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन भू-संपदा विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए इंदौर जिले को इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था.
घर बैठे उपलब्ध हो जाता है जमीन का रिकॉर्ड
इंदौर जिले के भूमि रिकॉर्ड्स को शत-प्रतिशत डिजिटलाइज किए जाने से विभागीय कार्यों में सरलता के साथ-साथ जन सामान्य को भी काफी सहूलियत हो रही है. अब लोग अपने घर बैठे ही अपनी जमीन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इतना ही नहीं भूमि संबंधी ज्यादातर काम जैसे जमाबंदी, परिमार्जन, अन्य प्रमाण पत्र, विशेष सर्वेक्षण अब लोग अपने घर बैठे ही करवा सकते है. इससे भूमि विवाद को कम करने में भी सफलता मिलेगी. दरअसल इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. द्वारा इंदौर जिले में मध्य प्रदेश सरकार की योजनाएं, कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से और उन्हें धरातल पर क्रियान्वित करने और इसका लाभ आम लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. पहले जब लोगों को एक सुधार के लिए कई दिनों तक दफ़्तर का चक्कर काटना पड़ता था,अब यह कार्य आसानी से हो रहा है. मतलब साफ है अब सरकारी विभागों के चक्कर लगाने से भी आमजन बच रहे हैं.