International Day For Monuments and Sites 2024: हर वर्ष 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) या स्मारकों और स्थलों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for Monuments and Sites) मनाया जाता है. 2023 में 45वीं विश्व धरोहर समिति (World Heritage Committee) की बैठक सऊदी अरब के रियाद में आयोजित की गई थी, जिसमें भारत के शांतिनिकेतन (Santiniketan) और होयसला मंदिरों (Hoysala Temples) (होयसला के पवित्र समूह) Sacred Ensembles of the Hoysalas को यूनेस्को (UNESCO World Heritage List) की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था. इन दो स्थलों के जुड़ते ही भारत के विश्व धरोहर स्थलों की संख्या 42 (सांस्कृतिक-34, प्राकृतिक-7, मिश्रित-1) हो गई और भारत यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सर्वाधिक स्थलों की संख्या के मामले में 6वें स्थान पर आ गया है. किसी भी देश की पहचान उस देश के सांस्कृतिक और पुरातात्विक विकास से होती है. भारत में भी प्राचीन काल से लेकर आधुनिक दौर तक अनेक शहरों, मंदिरों और स्थलों इत्यादि की खोज की जा चुकी है, जिन्होंने इस देश के महत्व को विश्व स्तर पर बढ़ाया है. आइए जानते हैं हमारे प्रमुख विश्व धरोहरों के बारे में...
किसी व्यक्ति का अपनी धरोहर से जुड़ाव ठीक उसी प्रकार से होता है जैसे कि एक बच्चे का अपनी माँ से, हमारी धरोहर हमारा गौरव हैं और ये हमारे इतिहास-बोध को मज़बूत करती हैं. हमारी कला और संस्कृति की आधार शिला हमारे विरासत स्थल ही हैं. हमारी विरासतें हमें विज्ञान और तकनीक से भी रूबरू कराती हैं, ये मनुष्यों तथा प्रकृति के मध्य जटिल संबंधों को दर्शाती हैं और मानव सभ्यता की विकास गाथा की कहानी भी दर्शाती हैं.
कुल कितने वर्ल्ड हेरिटेज हैं? World Heritage List
दुनियाभर में यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व विरासत स्थलों की संख्या 1199 है. इनमें से 933 सांस्कृतिक स्थल (Cultural World Heritage Sites) हैं, 227 प्राकृतिक स्थल (Natural World Heritage Sites) हैं और 39 मिश्रित स्थल (Mixed World Heritage Sites) हैं. कई विरासतों पर खतरा (In Danger World Heritage Sites) भी मंडरा रहा है, इस श्रेणी यानी खतरे में आने वाले धरोहर स्थलों की सूची में 56 नाम हैं.
पहले बात मध्य प्रदेश की विरासतों के बारे में World Heritage in MP
मार्च 2024 में मध्य प्रदेश के 6 नए स्थलों को विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी यूनेस्को सूची में जगह मिली है. इस नई सूची में जिन स्थलों को शामिल किया है, उसमें ग्वालियर का किला, धमनार का ऐतिहासिक समूह भोजेश्वर महादेव मंदिर, चंबल घाटी के रॉक कला स्थल, खूनी भंडारा, बुरहानपुर और रामनगर, मंडला के गोंड स्मारक शामिल हैं. वहीं मध्य प्रदेश के 3 स्थल पहले से ही यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल हैं. इनमें खजुराहो स्मारक समूह (1986), सांची के बौद्ध स्मारक (1989) तथा भीमबेटका के रॉक शेल्टर (2003) शामिल हैं.
वर्ल्ड हेरिटेज डे के अहम फैक्ट्स (Important Facts of World Heritage Day)
18 अप्रैल 1982 को ट्यूनीशिया में पहला विश्व विरासत दिवस इंटरनेशनल काउसिंसल ऑफ मान्युमेंट्स एंड साइट्स के द्वारा मनाया गया था. 1983 में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की संस्था यूनेस्को द्वारा इसे मान्यता प्रदान की गई, तबसे हर साल इस 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे पूरी दुनिया में मनाया जाता है.
भारत के यूनेस्को विरासत स्थल World Heritage Sites in India
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51ए (एफ) में स्पष्ट कहा गया है कि अपनी समग्र संस्कृति की समृद्ध धरोहर का सम्मान करना और इसे संरक्षित रखना प्रत्येक भारतीय नागरिक का कर्तव्य है. देश में ऐसे तमाम ऐतिहासिक स्थल हैं जो देखने में काफी खूबसूरत और अद्भुत हैं, लेकिन हर किसी को विश्व विरासत स्थल की संज्ञा नहीं मिली है. संयुक्त राष्ट्र की संस्था द्वारा चयनित स्थलों को ही विश्व विरासत स्थल की श्रेणी में रखा जाता है.
1. आगरा का किला : इस किला को “आगरा का लाल किला” भी कहते हैं, यह उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में स्थित है. वर्ष 1983 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
2. अजंता की गुफाएं : महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में पड़ने वाली अजंता की गुफाएं वर्ष 1983 से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में हैं.
3. एलोरा की गुफाएं : एलोरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एक पुरातात्विक स्थल है. एलोरा की गुफाओं को वर्ष 1983 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
4. ताज महल : उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में बना ताज महल यमुना नदी के किनारे स्थित है. वर्ष 1983 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
5. महाबलीपुरम् के स्मारकों का समूह : अभयारण्यों का यह समूह, पल्लव राजाओं द्वारा बनाया गया था. वर्ष 1984 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
6. सूर्य मंदिर, कोणार्क : कोणार्क का सूर्य मंदिर, आमतौर पर जिसे कोणार्क नाम से जाना जाता है, भारत के पूर्वी राज्य उड़ीसा में स्थित है. वर्ष 1984 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
7. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान : यहां एक–सींग वाले गैंडे की आबादी पाई जाती है. इसे 2006 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था और वर्ष 1985 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
8. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान : भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से जाना जाने वाला केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भारत के दो सबसे ऐतिहासिक शहरों आगरा और जयपुर के बीच स्थित है. वर्ष 1985 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
9. मानस वन्यजीव अभयारण्य : असम स्थित यह अभयारण्य अनूठे जैवविविधता और परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है. वर्ष 1985 में यूनेस्को ने विश्व इसे धरोहर स्थल घोषित किया था.
10. गोवा के चर्च और आश्रम (कॉन्वेंट) : गोवा के चर्च और आश्रम पुर्तगाली शासन के युग से ही हैं. वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
11. फतेहपुर सीकरी : फतेहपुर सीकरी का निर्माण बादशाह अकबर ने करवाया था. वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
12. हंपी में स्मारकों का समूह : हंपी की सादगी और भव्यता में मुख्य रूप से अंतिम महान हिन्दू साम्राज्य विजयनगर साम्राज्य की राजधानी के अवशेष मिलते हैं. वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
13. खजुराहो के स्मारकों का समूह : मध्यप्रदेश स्थित खजुराहो के मंदिर देश के सबसे खूबसूरत मध्ययुगीन स्मारकों में से एक हैं. इन मंदिरों का निर्माण चंदेल शासकों ने करवाया था. वर्ष 1986 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
14. एलिफेंटा की गुफाएं : एलिफेंटा की गुफाएं महाराष्ट्र के मुंबई में एलिफेंटा द्वीप या घरापुरी पर स्थित मूर्तियों की गुफाओं की श्रृंखला है. वर्ष 1987 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
15. चोल मंदिर : महान चोल मंदिरों का निर्माण चोल साम्राज्य के राजाओं द्वारा करवाया गया था. वर्ष 1987 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
16. पत्तदकल के स्मारकों का समूह : कर्नाटक में पत्तदकल उद्धारक कला का उत्कृष्ट नमूना है. इनका निर्माण चालुक्य वंश द्वारा कराया गया था. वर्ष 1987 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
17. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान : विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा, सुन्दरबन, भारत और बांग्लादेश में फैला सदाबहार वन है. भारत की सीमा में पड़ने वाला वन का हिस्सा सुन्दरबन राष्ट्रीय उद्यान कहलाता है. वर्ष 1987 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
18. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान : यह उत्तर भारत के उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी की पहाड़ी पर स्थित है. वर्ष 1988 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.
19. सांची का बौद्ध स्तूप : भारत में बौद्ध पर्यटकों के लिए सांची काफी लोकप्रिय स्थान है. यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सांची में स्थित है. यूनेस्को ने 1989 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
20. हुमायूं का मकबरा : दिल्ली स्थित हुमायूं का मकबरा शाही मकबरा है, जो मुगल वास्तुकला और स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है. यूनेस्को ने 1993 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
21. कुतुब मीनार, दिल्ली : कुतुबमीनार दिल्ली में 13वीं सदी में बना था. यूनेस्को ने 1993 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
22. भारत के पहाड़ी रेलवे : भारत के पहाड़ी रेलवे में तीन रेलवे हैं. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, और कालका शिमला रेलवे. यूनेस्को ने 1999 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
23. बोध गया का महाबोधी मंदिर परिसर : महाबोधी मंदिर परिसर सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया पहला मंदिर है. यूनेस्को ने 2001 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
24. भीमबेटका पाषाण आश्रय : यह पांच पाषाण आश्रयों का समूह है. 2003 में इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला था.
25. चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व उद्यान : पावागढ़ पहाड़ी के शीर्ष पर बना कालिकामाता मंदिर को महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है और यहां पूरे वर्ष श्रद्धालु आते रहते हैं. यूनेस्को ने 2004 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
26. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (विक्टोरिया टर्मिनस) : यह मुंबई में स्थित है. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जिसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस कहते थे. यूनेस्को ने 2004 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
27. लाल किला परिसर : वर्ष 1638 में शाहजहां ने अपनी राजधानी दिल्ली को बनाया और शाहजहांबाद शहर की नींव रखी. यूनेस्को ने 2007 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
28. जंतर-मंतर : जयपुर का जंतर-मंतर खगोलीय प्रेक्षण स्थल है, जिसका निर्माण 18वीं सदी के आरंभ में किया गया था. यूनेस्को ने 2010 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
29. पश्चिमी घाट : पश्चिमी घाट तापी नदी की चोटी से निकलकर कन्याकुमारी की गुफा तक 1600 किमी की दूरी तक फैला है इसकी औसत उंचाई 1200 मीटर है. यूनेस्को ने 2010 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
30. राजस्थान के पहाड़ी किले : राजस्थान में स्थित छह आलीशान किले-चितौड़गढ़, कुंभलगढ़, सवाई माधोपुर, झालवार, जयपुर और जैसलमेर हैं. यूनेस्को ने 2013 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
31. रानी की वाव (रानी की बावड़ी) : गुजरात स्थित रानी की वाव को यूनेस्को ने 2014 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
32. ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान : यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है. ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान को 1999 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था. यूनेस्को ने 2014 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
33. नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय) : बिहार में नालंदा पुरातत्व साइट सीखने का एक केंद्र और एक बौद्ध मठ था. यूनेस्को ने 2014 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
34. कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान : कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान या कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर रिज़र्व है. इस मिश्रित धरोहर को 2016 में मान्यता प्रदान की गई थी.
35. कैपिटल कॉम्प्लेक्स : चंडीगढ़ की राजधानी परिसर सहित कई देशों भर ली कार्बुजिए के वास्तुशिल्प काम आधुनिक आंदोलन के लिए उत्कृष्ट योगदान के हिस्से के रूप में एक विश्व विरासत स्थल के रूप में इसे 2016 में मान्यता दी गई थी.
36. ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद : गुजरात का अहमदाबाद शहर 2017 से विश्व धरोहर सिटी के नाम से जाना जाने लगा है.
37. मुंबई की ‘विक्टोरियन गोथिक' और ‘आर्ट डेको' : मुंबई की ‘विक्टोरियन गोथिक' और ‘आर्ट डेको' यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है. यूनेस्को ने 2018 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था.
38. जयपुर शहर : ‘गुलाबी शहर' के नाम से मशहूर राजस्थान के जयपुर को 2019 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है. जयपुर की कई इमारतें 1727 में इसकी स्थापना के वक्त की हैं, जो आज भी बेहद खूबसूरत नज़र आती हैं.
39. काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर रामप्पा मंदिर : तेलंगाना राज्य में वारंगल के पास स्थित मुलुगु जिले के पालमपेट में मौजूद काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर जिसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है. इस मंदिर को 2021 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है. रामप्पा मंदिर 13वीं शताब्दी के स्थापत्य कला का प्रतीक है, जिसका नाम इसके वास्तुकार, रामप्पा के नाम पर रखा गया था.
40. धोलावीरा : गुजरात स्थित हड़प्पा कालीन स्थल धोलावीरा को यूनेस्को ने 2021 में विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है. हड़प्पाकालीन नगर धोलावीरा दक्षिण एशिया में संरक्षित प्रमुख नगर जीवन स्थलों में एक है और जिसका इतिहास तीसरी शताब्दी ईसा-पूर्व से लेकर दूसरी शताब्दी ईसा-पूर्व के मध्य तक का है.
41. शांतिनिकेतन : पश्चिम बंगाल में स्थित शांतिनिकेतन को 2023 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है. यह भारत का 41वां विश्व धरोहर स्थल है, ये जगह विश्व प्रसिद्ध कवि, कलाकार, संगीतकार और दार्शनिक तथा साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता रवींद्रनाथ टैगोर के काम और दर्शन से जुड़ा हुयी है.
42. होयसला : वर्ष 2023 में शांतिनिकेतन के अलावा, होयसला के पवित्र समूहों को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है. यह भारत का 42वां यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. इस समूह के तीन शानदार मंदिर ( होयसलेश्वर मंदिर, हेलेबिदु, चन्नाकेशव मंदिर, बेलूर, और केशव मंदिर) कर्नाटक के सोमनाथपुर में हैं जो अद्भुत वास्तुकला और कलात्मक रचनात्मकता को दर्शाते हैं.
वर्ष 2024-25 के लिए भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य
"भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य' को वर्ष 2024-25 के लिए यूनेस्को की विश्व विरासत सूची के रूप में मान्यता दिलाने के लिए नामांकन किया गया. इस नामांकन के बारह घटक भाग हैं- महाराष्ट्र में सालहेर किला, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग, सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु में जिंजी किला. विविध भौगोलिक परिस्थितियों एवं क्षेत्रों में फैले हुए ये घटक मराठा शासन की रणनीतिक सैन्य शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं.
यह भी पढ़ें :
** Paris 2024: खेलों के महाकुंभ से पहले शुरु हुई ऐतिहासिक इवेंट, देखिए Olympic Flame Lighting Ceremony