क्यों जान देने पर तुला बिहार का ये युवक, एक दिन में 3 बार किया आत्महत्या प्रयास, दो बार बची जान और...

Suicide in Khandwa: बिहार का एक युवक खंडवा में मालगाड़ी के सामने जान दे दी. इससे पहले भी उसने दो बार जान लेने की कोशिश की थी. हालांकि तब पुलिस ने युवक को समझाइए दी, लेकिन इसके बावजूद युवक ने ट्रेन के सामने कूद पड़ा.

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Bihar youth commits suicide at Khandwa railway station: खंडवा में आत्महत्या का एक अजीब मामला सामने आया है. इस मामले में जिस युवक ने आत्महत्या की उसने पहले भी दो बार सुसाइड करने का प्रयास कर किया था. आखिर में युवक ने ट्रेन के सामने सर रख कर आत्महत्या कर ली. हालांकि आत्महत्या का कारण अभी तक साफ नहीं हो सका.

बिहार के एक युवक ने खंडवा में की आत्महत्या

बता दें कि युवक बिहार का रहने वाला है. जो पटना से मुंबई रोजगार की तलाश में जा रहा था. खंडवा स्टेशन पर तबीयत खराब होने के चलते यहां ही उतर गया. उसके बाद उसने चाकू से दो बार अपना गला काटने का प्रयास किया. मृतक युवक ने एक बार अस्पताल में चाकू से अपना गला काटने का प्रयास किया, जिसे सुरक्षाकर्मियों ने देख लिया और उसे आत्महत्या करने से रोक दिया, लेकिन तीसरी बार युवक को किसी ने नहीं रोक पाया और उसकी जान चली गई. हालांकि इस मामले में खंडवा पुलिस की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. 

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पटरी पर गर्दन रख युवक ने दे दी जान 

दरअसल, जब युवक अस्पताल में आत्महत्या की कोशिश की तो सुरक्षाकर्मियों ने उसे थाने लेकर पहुंचा, जहां पुलिस ने उसकी काउंसलिंग की और उसे बिहार वापस जाने को कह कर थाने से लौटा दिया. जहां युवक ने रेलवे स्टेशन पर जाकर  मालगाड़ी के सामने अपना गर्दन रख दिया. माना जा रहा है कि अगर पुलिस युवक की सही से काउंसलिंग करती तो शायद वो यह कदम नहीं उठाता.

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पहले भी 2 बार जान लेने की की थी कोशिश

बता दें कि ये युवक भर्ती के दौरान खंडवा के जिला अस्पताल में शनिवार को जमकर हंगामा मचाया. उसने चाकू से अपना गला काटने लगा. हालांकि इस बीच सुरक्षाकर्मियों की नजर उस पर पड़ गई और उसके हाथ से चाकू छीन ली. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने अस्पताल चौकी में मौजूद पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद अस्पताल का सुरक्षाकर्मी अनिल मालाकार  युवक को लेकर खंडवा के मोघट थाने पहुंचा, जहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने युवक से उसके संबंध में पूछताछ की और सुरक्षाकर्मी मालाकार से घटना के संबंध में लिखवाया गया.

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पुलिस की बड़ी लापरवाही आई सामने 

बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिसकर्मियों ने युवक से उसका नाम पता पूछ कर उससे आत्महत्या करने के पीछे का कारण जानने की कोशिश की और फिर समझाइश देकर उससे लिखवाया गया कि वो अब इस तरह का कदम नहीं उठाएगा. जिसके बाद उसे वापस अपने घर बिहार जाने के लिए रेलवे स्टेशन जाने के लिए बोलकर छोड़ा दिया.

इधर, युवक खंडवा रेलवे स्टेशन पहुंचकर प्लेटफॉर्म नंबर एक और छह के बीच ट्रैक पर मालगाड़ी आते हुए देखा और वहां से प्लेटफार्म से नीचे उतारकर सीधे मालगाड़ी की तरफ दौड़ लगा दी. इसके बाद युवक ने अपने गर्दन को पटरी पर रख दिया. वहीं रेलवे ट्रैक से गुजर रही मालगाड़ी उसके ऊपर से गपज गया, जिससे युवक की गर्दन धड़ से अलग हो गई और मौके पर उसकी मौत हो गई.

जीआरपी पुलिस कर रही घटना की जांच

इधर, इस मामले में जीआरपी पुलिस आगे की जांच कर रही है. शनिवार देर रात परिजन भी जीआरपी थाना पहुंचे, जहां मृतक की पहचान संगमलाल के 18 वर्षीय पुत्र दिनेश के रूप में हुआ है. मृतक बिहार के पूर्णिया के ग्राम बागदड़ का रहने वाला है. यहां पहुंचे मृतक के साथी सुंदर कुमार और अन्य ने बताया कि हम 10 से 12 लोग बिहार से मुंबई मजदूरी करने निकले थे. पटना से जनता एक्सप्रेस में बैठे थे, लेकिन हरदा स्टेशन पर दिनेश ने कहा कि उसे भूख लगी है और वो उतर गया. इसके बाद वो खाने का सामान लेने गया, लेकिन इतने ही देर में ट्रेन चल दी और दिनेश वापस ट्रेन में नहीं चढ़ पाया.

युवक के साथी सुंदर कुमार ने बताया कि हम लोग जनता एक्सप्रेस से आगे निकल चुके थे. कुछ देर बाद दिनेश का फोन आया और उसने कहा कि मेरे पास रुपये भी खत्म हो गए हैं. तुम लोग मुझे 500 रुपये डाल दो. मैं ट्रेन पकड़कर मुंबई आ जाऊंगा. हम लोग कसारा तक पहुंचे थे इसलिए हमने सोचा कि वापस चलकर उसकाे साथ ही ले आते हैं. इसलिए हम लोग वापसी के लिए निकले, लेकिन इस बीच हमें जीआरपी से सूचना मिली कि उसके साथ घटना हुई है. 

खंडवा में तबीयत खराब होने पर अस्पताल में हुआ था भर्ती

वहीं पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, युवक का हरदा में स्वास्थ्य खराब हुआ था. इसके बाद वह खंडवा स्टेशन पर उतरा और जिला अस्पताल में जाकर भर्ती हो गया, जहां वार्ड में सब्जी काटने की चाकू से खुद का गला काटने का प्रयास किया. थाने में पूछताछ के दौरान भी वो ज्यादा कुछ नहीं बोल रहा था. मैं मर जाउंगा, मर जाउंगा कह रहा था. इसके बाद डायल 100 से उसे स्टेशन की ओर छोड़ दिया गया, लेकिन कुछ देर बाद दोपहर करीब तीन बजे वहां मालगाड़ी से कटकर उसने आत्महत्या कर ली. 

युवक को घायल अवस्था में जिला अस्पताल में कराया गया था भर्ती

मिली जानकारी के अनुसार, युवक को शनिवार सुबह पहले माता चौक क्षेत्र में देखा गया था. जहां उसने आत्महत्या के लिए पहला प्रयास किया और यहां मौजूद एक सब्जी बेचने वाले से चाकू मांग कर खुद को मारने की कोशिश की थी, लेकिन समय रहते युवक की हरकतों को भांप लिया गया और उसे तुरंत घायल अवस्था में जिला अस्पताल भिजवाया गया था.

जहां युवक ने बिहार पूर्णिया का रहने वाला बताया था और अपना नाम दिनेश और पिता का नाम संगम लाल के नाम से अस्पताल की पर्ची कटाई थी, जहां उसे भर्ती किया गया था. हालांकि कुछ देर बाद ही उसने हाथ में लगी सलाईन निकालकर हंगामा कर दिया और फिर से अपना गाला काटने का प्रयास किया. हालांकि अस्पताल में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने मौके पर उसकी जान बचा ली और ये सूचना पुलिस थाने को दी.

बिहार जाने को बोलकर पुलिस ने युवक को छोड़ दिया रेलवे स्टेशन

सुरक्षाकर्मी युवक को खंडवा के मोघट थाने ले गए, जहां पुलिसकर्मियों ने युवक से पूछताछ कर आत्महत्या करने का कारण जानना चाहा, लेकिन वो कुछ बता नहीं पाया. इसके बाद पुलिसकर्मी ने उसकी काउंसलिंग की और उससे ऐसा नहीं करने के लिए लिखित में लिया.  फिर युवक को पुलिस ने गाड़ी में बैठाकर स्टेशन पर छोड़ दिया. ताकि वो अपने घर वापस जा सके, लेकिन इसी बीच स्टेशन पर मालगाड़ी को आता देख युवक ने गाड़ी के सामने अपना गर्दन रख दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

घटना को लेकर लोगों ने पुलिस के कार्य पर उठाए सवाल 

अब इस घटना को लेकर सोशल मीडिया सहित आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना गया है. लोगों का कहना है कि यदि इस तरह आत्महत्या करने से पहले कोई व्यक्ति किसी आम नागरिक से मिला होता और फिर जाकर आत्महत्या कर लेता, तो पुलिस उसका जीना दुर्भर कर देती, जबकि इस घटना में मृतक ने पुलिस के पास से जाकर आत्महत्या किया है.

बता दें कि राज्य पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाते हुए आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर पर भी जारी किए हैं. जिस पर सूचना देने पर ऐसा करने वालों की काउंसलिंग की जाती है, लेकिन यहां तो आत्महत्या से ठीक पहले शहर के मोघट थाना पहुंचे युवक को ठीक तरह से समझाइश भी नहीं दी गई और उसे छोड़ दिया गया. जबकि थाने पहुंचने से पहले युवक दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चुका था. युवक को कम से कम 24 घंटे निगरानी में रखकर लगातार उसकी काउंसलिंग किया जाना चाहिए था, जो कि पुलिस की इस तरह के मामले में संवेदनहीनता दिखाता है.

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