स्वसारि वटी से बीपी ग्रिट तक पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स का लाइसेंस रद्द, इस लिस्ट में कहीं आपकी दवा तो नहीं!

कुछ दिनों पहले योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए अखबारों में सार्वजनिक माफी मांगी थी.

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भ्रामक विज्ञापन के मामले को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव (Ramdev) और बालकृष्ण (Balkrishna) की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. अब दवा विज्ञापन कानून के बार-बार उल्लंघन के लिए बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (Patanjali Ayurveda LTD) के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अनुमति उत्तराखंड सरकार की तरफ से दे दी गई है. इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने पंतजलि के 14 उत्पादों के मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं. यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष प्रस्तुत किए गए उत्तराखंड सरकार के एक हलफनामे में बतायी गई है. वहीं उत्तराखंड सरकार ने अपने हलफनामें में बताया है कि उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि कानून के खिलाफ विज्ञापनों के प्रकाशन पर जुर्माना, कारावास या दोनों के साथ-साथ सख्त अनुशासनात्मक व कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इन 14 उत्पादों का लाइसेंस रद्द

उत्तराखंड लाइसेंस अथॉरिटी ने सोमवार 29 अप्रैल को 14 प्रोडक्ट्स पर बैन का आदेश भी जारी किया है. इसमें बताया गया है कि बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी के लाइसेंस को रोका जा रहा है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के उल्लंघन के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (SLA) दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उनके 14 उत्पादों 'स्वसारि गोल्ड', 'स्वसारि वटी, ब्रोंकोम' के लिए विनिर्माण लाइसेंस ', 'स्वसारि प्रवाही', 'स्वसारि अवलेह', 'मुक्तावती एक्स्ट्रा पावर', 'लिपिडोम', 'बीपी ग्रिट', 'मधुग्रिट', 'मधुनाशिनीवटी एक्स्ट्रा पावर', 'लिवमृत एडवांस', 'लिवोग्रिट', 'आईग्रिट गोल्ड' और 'पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप' को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 के नियम 159(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.

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कुछ दिनों पहले योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए अखबारों में सार्वजनिक माफी मांगी थी.

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