Senegol in Parliament: नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 3.0 सरकार के गठन के बाद संसद में विपक्ष अपनी ताकत का एहसास सत्ता पक्ष को हर मामले में करा रहा है. ताजा मामला संसद में स्थापित किए गए संगोल (Sengol) से जुड़ा है. नई सरकार के गठन के बाद संसद का पहला सत्र चल रहा है. इस बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद आरके चौधरी (RK Choudhary) के एक पत्र ने राजनीति को गरमा दिया है. उन्होंने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) और प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखकर संसद में लगे सेंगोल को हटा कर उसके स्थान पर भारतीय संविधान (Indian Constitution) की प्रति स्थापित करने की मांग की है.
सपा सांसद ने अपने पत्र में लिखा कि मैं सदन की कुर्सी की दाईं ओर सेंगोल को देखकर हैरान रह गया. महोदय, हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का एक पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा या राजघराने का महल नहीं है. लिहाजा, मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए.
सपा दूसरे दलों से भी हासिल करेगी समर्थन
भाजपा ने विरोध को बताया तमिल संस्कृति का अपमान
वहीं सपा नेता की इस मांग पर भाजपा ने दक्षिण का कार्ड खेलते हुए इसे तमिलनाडु का अपमान करार दिया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के सेंगोल हटाने की मांग पर इंडिया गठबंधन को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यह तमिल संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत को भी दिखाता है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम योगी ने लिखा कि समाजवादी पार्टी को भारतीय इतिहास या संस्कृति का कोई सम्मान नहीं है. सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणी निंदनीय है और उनकी अज्ञानता को दर्शाता है. यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत को भी दर्शाती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सेंगोल भारत का गौरव है और यह सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इसे सर्वोच्च सम्मान दिया है.
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अखिलेश ने पूछा मांग मानने में क्या दिक्कत है
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सांसद आरके. चौधरी की ओर से लोकसभा से सेंगोल हटाकर उसकी जगह संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित करने को लेकर लोकसभा स्पीकर को लिखे गए पत्र का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि आखिर सरकार को सेंगोल की जगह संविधान की प्रति लगाने में क्या दिक्कत है?
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