Priyanka Gandhi Political History: राजीव और सोनिया गांधी की बेटी, राहुल गांधी की बहन, इंदिरा गांधी की पोति और रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) पहली बार चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. उन्हें उनके भाई राहुल (Rahul Gandhi) द्वारा जीती हुई सीट वायनाड (Waynad) से चुनाव लड़ने के लिए भेजा जा रहा है... कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रायबरेली (Rae Bareli) से सांसद बने रहेंगे. सोमवार, 17 जून को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने बताया कि वायनाड संसदीय सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उपचुनाव लड़ेंगी. आइए आपको बताते हैं उनका राजनीतिक जीवन सफर कैसा रहा है..
अमेठी में दिया गया था पार्टी कमान
प्रयिंका गांधी ने आज से पहले कभी भी विधान सभा या लोकसभा चुनाव में सीधे तौर पर चुनाव नहीं लड़ा है. उन्होंने 1999 के चुनाव अभियान के दौरान बीबीसी को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे दिमाग में यह बात बिलकुल स्पष्ट है कि राजनीति शक्तिशाली नहीं है, बल्कि जनता अधिक महत्वपूर्ण है और मैं उनकी सेवा राजनीति से बाहर रहकर भी कर सकती हूं. 2004 में प्रियंका ने पहली बार अमेठी और रायबरेली से में चुनाव प्रबंधन किया. इसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्हें उत्तर प्रदेश में राज्य स्तरीय चुनाव प्रबंधन का कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई. औपचारिक रूप से यह प्रियंका का पहला चुनाव होगा.
राहुल जीत चुके है वायनाड सीट
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने दो सीटों से अपना नामंकन दाखिल किया, पहले वायनाड से और फिर रायबरेली से. नतीजे सामने आने के बाद पता चला कि वह दोनों जगहों से चुनाव जीत चुके है. ऐसे में उन्हें एक सीट छोड़नी थी और उन्होंने वायनाड सीट छोड़ दी और रायबरेली से अपना सांसद निर्वाचन पत्र हासिल किया. अब इसी सीट से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को उपचुनाव में लड़ाने के लिए मैदान में उतारा है. इसमें जनता का मानना है कि वह जीत चुकी है.
भाजपा ने कसा तंज
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने प्रियंका गांधी के वायनाड से चुनाव लड़ने पर गांधी परिवार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोई पार्टी नहीं, पारिवारिक कंपनी है, ये तो आज सिद्ध हो गया. मां राज्यसभा में होंगी, बेटा लोकसभा की एक सीट से होंगे और प्रियंका गांधी लोकसभा की दूसरी सीट से होंगी. मतलब, परिवार के तीनों सदस्य सदन में होंगे. ये तो परिवारवाद का एक परिचय है ही, परंतु एक बात और भी स्पष्ट हो गई है कि राहुल गांधी ये समझ गए हैं, जो जीत उनको उत्तर प्रदेश में कुछ सीटों पर समाजवादी पार्टी के वोट के बल पर मिली है, अब वहां पर उपचुनाव कराने से उनकी सीट पर खतरा आ सकता है.
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वायनाड को राहुल की कमी महसूस नहीं होगी-प्रियंका
वायनाड से पॉलिटिकल डेब्यू करने पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि मैं वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने जा रही हूं. मैं वायनाड को इनकी (राहुल गांधी) कमी महसूस नहीं होने दूंगी. रायबरेली से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है और 20 सालों से वहां काम भी किया है. यह रिश्ता कभी टूट नहीं सकता, हम दोनों रायबरेली और वायनाड में भी मौजूद होंगे.'
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