what is one nation one election bill: भारत में लगता है चुनावों की पूरी प्रक्रिया में जल्द बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. मंगलवार, 17 दिसंबर को लोकसभा (Lok Sabha) में एक देश, एक चुनाव का अहम बिल सरकार ने पेश किया. लेकिन, बिल पेश होने को लेकर विवाद के बाद मतों का डिवीजन किया गया. इस दौरान बिल पेश करने के पक्ष में कुल 200 से अधिक सांसदों ने अपना मत दिया, जबकि इसके विपक्ष में लगभग 150 सांसद खड़े नजर आए. बता दें कि इस बिल के लिए कुल 369 सांसदों ने अपना मत दर्ज कराया.
कानून मंत्री ने पेश किया बिल
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सदन में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल को पेश किया. इस बिल को पेश करने के बाद मेघवाल ने स्पीकर से अनुरोध किया कि बिल को विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास पहले भेजा जाए. बिल सामने आने के बाद कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना उद्धव गुट समेत कई विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया.
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क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन का मतलब
लोकसभा में पेश हुआ‘वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल बहुत अहम है. इस बिल का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ चुनाव होंगे. फिलहाल हमारे देश में अलग-अलग राज्यों के विधानसभा चुनाव, देश का लोकसभा चुनाव, नगरपालिकाओं और पंचायत चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं. वर्तमान में सरकार चाहती है कि देश में होने वाले सभी तरह के चुनाव एक साथ ही हो.
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