'डिजिटल अरेस्ट' का मास्टरमाइंड चिराग कपूर गिरफ्तार, डिजिटल धोखाधड़ी के जरिए 930 लोगों का किया शिकार

Digital Arrest Mastermind Arrested: बेंगलुरू के जेपी नगर का रहने वाला आरोपी चिराग कपूर उर्फ चिंतक राज खुद को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताता है. वह पूरे देश में ऑपरेशन एजेंट्स के जरिए चलाता था. 26 अक्टूबर को फर्जी खाते बेचने में शामिल एक आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

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Digital arrest Mastermind arrested

Digital Crime Mastermind: साइबर क्राइम 'डिजिटल अरेस्ट' के जरिए लोगों को घरों में कैद कर ऑनलाइन पैसे की उगाही करने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार हो चुका है. करीब 930 लोगों को चूना लगा चुके सरगना को कोलकाता पुलिस ने बेंगलुरू से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार मास्टरमाइंड की पहचान चिराग कपूर के रूप में हुई है, जो बेंगलुरू में बैठकर पूरे देश में लोगों को वीडियो कॉल पर झूठे केस में फंसाने के नाम पर पैसे ऐंठता था.

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मध्य प्रदेश डिजिटल अरेस्ट मामलों में तेजी से उभरा है, जहां आए दिन डिजिटल अरेस्ट की वारदातें रिपोर्ट हो रही है, जिससे पुलिसवाले भी अछूते नहीं है. पिछले दिनों कुल 32 दिनों तक साइबर ठगों के डिजिटली अरेस्ट में रहे एक बीएसफ इंस्पेक्टर का सनसनीखेज मामला सामने आया था.

साइबर ठगी के 930 केस से जुड़े हैं डिजिटल अरेस्ट के मास्टरमाइंड चिराग कपूर के तार

कोलकाता पुलिस ने जानकारी दी है कि उसने देशभर में डिजिटल अरेस्ट स्कैम के मास्टरमाइंड चिराग कपूर को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है.सूत्रों के मुताबिक कपूर 930 डिजिटल अरेस्ट के मामलों से जुड़ा हुआ है. बता दें, वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट करने वाले ठग कभी कस्टम ऑफिसर और कभी लॉ एनफोर्समेंट अधिकारी बनकर फर्जी आरोपों में डराते हैं, और फिर उन्हें ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर करते हैं.

डिजिटल अरेस्ट के शिकार देबाश्री दत्ता की शिकायत पर जांच कर रही थी कोलकाता पुलिस

दरअसल, कोलकाता में डिजिटल अरेस्ट के शिकार हुए शिकायतकर्ता देबाश्री दत्ता की शिकायत पर कोलकाता पुलिस जांच शुरू किया. देबाश्री दत्ता को साइबर ठगों ने कानूनी कार्रवाई की धमकी देकर 47 लाख रुपए की ठगी की थी. ठगों ने पीड़ित का डॉक्यूमेंट और क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल एक पार्सल भेजने के लिए किया था, जिसमें ड्रग्स थे और मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा था, जिससे डरकर अपराधियों के अलग-अलग खातों में 47 लाख रुपए का भुगतान किया था.

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कोलकाता पुलिस ने छापेमारी के दौरान फर्जी अकाउंट में काम करने वाले एक अस्थायी कार्यालय का भंडाफोड़ किया था और मौके से पुलिस ने 104 पासबुक/चेकबुक, 61 मोबाइल फोन, 33 डेबिट कार्ड, दो क्यूआर कोड मशीन, 140 सिम कार्ड, 40 सील और 10 लीज एग्रीमेंट जब्त किया.

फर्जी अकाउंट रैकेट के चीफ ऑपरेटर के रूप में चिराग कपूर का नाम सामने आया

फर्जी अकाउंट रैकेट के चीफ ऑपरेटर के रूप में चिराग कपूर का नाम सामने आया है, जो अपने लोगों और एजेंटों के माध्यम से रैकेट चलाने वाला चिराग कपूर खुद को संदेह और निगरानी से बचने के लिए इससे दूर रखता था. पिछले सात महीने से गिरफ्तारी से बच रहा चिराग कपूर के खिलाफ जून महीने में क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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फरार चल रहा था मास्टरमाइंड चिराग कपूर, अब तक कुल 10 आरोपी गिरफ्तार

कोलकाता पुलिस द्वारा की गई जांच में 26 अक्टूबर 2024 को दिल्ली में मास्टरमाइंड चिराग कपूर के एक सहयोगी की गिरफ्तारी हुई थी, जो ऐसे फर्जी खातों की डिलीवरी लेता था और उन्हें बेचता था. हालांकि इस मामले में अब तक कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपी चिराग कपूर फरार चल रहा था.

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बेंगलुरू के जेपी नगर का रहने वाला आरोपी चिराग कपूर उर्फ चिंतक राज खुद को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताता है. वह पूरे देश में ऑपरेशन एजेंट्स के जरिए चलाता था. 26 अक्टूबर को फर्जी खाते बेचने में शामिल एक आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

पूरे भारत में डिजिटल धोखेबाजी के लिए फर्जी खाते और परिचय पत्र का उपयोग

गिरफ्तार चिराग कपूर के पास से पुलिस ने कई अहम वस्तुएं जब्त कीं है. इनमें राउटर, हार्ड डिस्क, लैपटॉप, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, पैन कार्ड, चेकबुक, और अलग-अलग कंपनियों के नाम की सीलें शामिल हैं और पूरे भारत में डिजिटल धोखेबाजी के लिए फर्जी खाते और परिचय पत्र का किया जाता था.

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