RJD controversy: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली कारारी हार के बाद कभी प्रदेश राजनीति का केंद्र माने जाने वाला लालू यादव का कुनबा एक बार फिर बिखरता नजर आ रहा है. किडनी देकर लालू की जान बचाने वाली उनकी दूसरे नंबर की बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से रिश्ते तोड़ दिए हैं, साथ ही राजनीति को भी अलविदा कह दिया है. उन्होंने इसका दोष अपने ऊपर लेते हुए कहा कि संजय यादव और रमीज ने मुझसे ऐसा करने के लिए कहा था. रोहिणी के इस ऐलान के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार से परेशान लालू परिवार पर एक और संकट आ गया है.
तेजस्वी यादव के सबसे करीबी माने जाने वाले संजय और रमीज पर इस तरह के आरोप पहली बार लगें हो, ऐसा नहीं हैं. लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी संजय पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या हरियाणा के संजय और यूपी के रमीज के कारण लालू परिवार में फूट पड़ रही है? आइए, अब जानते हैं ये दोनों कौन हैं, इनका पार्टी में क्या काम, संजय और रमीज पर लालू परिवार के दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य के क्या आरोप है, इससे पहले तज प्रताप यादव ने क्या आरोप लगाए थे?
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सबसे पहले जानिए, कौन हैं संजय यादव?
संजय यादव RJD से राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी में सबसे प्रभावशाली रणनीतिक सलाहकारों में गिने जाते हैं. तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले संजय मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नंगल सिरोही गांव के रहने वाले हैं. कंप्यूटर साइंस में पोस्टग्रेजुएट संजय ने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़कर राजनीति की राह तेजस्वी के कहने पर ही पकड़ी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेजस्वी और संजय की पहली मुलाकात 2012 में दिल्ली के क्रिकेट मैदान पर हुई थी. करीब एक साल बाद ही 2013 में लालू यादव चारा घोटाले में जेल गए तो तेजस्वी सक्रिय राजनीति में लौटे. इसके बाद उनके कहने पर संजय भी नौकरी छोड़कर पटना आए गए. इसके बाद संजय ने बिहार की राजनीति के समीकरण, संगठन संरचना, चुनावी रणनीति और डेटा आधारित विश्लेषण को बेहतर बनाने के लिए काम किया. RJD के बड़ों फैसलों में संजय की भूमिका अहम मानी जाती है. कहा जाता है कि तेजस्वी किससे मिलेंगे, किस मुद्दे पर क्या स्टैंड लेंगे, इस सब में संजय दखल रहता है.
अब जानिए, कौन हैं यूपी के रमीज
लालू परिवार में मचे घमासान का दूसरा किरदार जिन रमीज को बताया जा रहा है वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रहने वाले हैं. रमीज जेल में बंद पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके खिलाफ हत्या जैसे कई गंभीर आरोपों में केस दर्ज होना भी बताए जाते हैं. रमीज RJD में सोशल मीडिया, चुनावी प्रचार समेत अन्य काम भी देखते हैं. रमीज का नाम करोड़ों की विवादित जमीन से भी जुड़ा था, जिसे बाद में कुर्क किया गया था. यह जमीन उनके ससुर रिजवान जहीर ने खरीदी थी.
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Rohini Acharya resignation
अब पढ़िए रोहिणी आचार्य ने क्या आरोप लगाए?
14 नवंबर को बिहार विधानसभा 2025 के नतीजों ने RJD और लालू परिवार को बड़ा झटका दिया. पार्टी स्तर पर इस हार आंकलन किया जाता, उससे पहले 15 नवंबर को लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया जो लालू परिवार के लिए एक और बड़ा झटका रहा. रोहिणी आचार्य ने अपने पोस्ट में लिखा- 'मैं राजनीति छोड़ रही हूं, अपने परिवार से रिश्ता तोड़ रही हूं. संजय यादव और रमीज ने मुझसे ऐसा करने को कहा था, सारा दोष मैं अपने ऊपर ले रही हूं'. रोहिणी के इस ऐलान के बाद लालू परिवार की अंदरूनी खींचतान एक बार फिर सार्वजनिक हो गई. इससे पहले 18 सितंबर को रोहणी ने बिना कुछ लिखे RJD समर्थक आलोक कुमार का एक पोस्ट शेयर किया था. इस पोस्ट में संजय यादव को लेकर सवाल उठाए गए थे. बताया जाता है कि इसके बाद ही रोहिणी ने अपने पिता, मां, छोटे भाई तेजस्वी समेत पार्टी के सभी अकाउंट को अनफॉलो कर दिया था.
Tej Pratap
तेज प्रताप ने कब क्या आरोप लगाए थे?
राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के सलाहकार माने जा रहे संजय यादव का नाम पहले भी परिवारिक विवादों से जुड़ा है. 25 मई 2025 को जब लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर किया था, तब भी संजय का नाम सामने आया था. तेज प्रताप ने साफ तौर पर कहा था कि इसमें सबसे बड़ी भूमिका संजय यादव की है. रिपोट्स के अनुसार, साल 2021 में भी संजय यादव को लेकर तेज प्रताप मुखर हुए थे. अगस्त महीने में तेज प्रताप ने तेजस्वी से मुलाकात नहीं होने देने का आरोप संजय पर लगाया था. वहीं, अक्टूबर में तारापुर सीट पर उपचुनाव के दौरान उनकी छात्र जनशक्ति परिषद के उम्मीदवार संजय यादव (नाम का दूसरा व्यक्ति) ने पर्चा वापस लिया तो तेज प्रताप ने व्यंग्य करते हुए संजय यादव को “हरियाणवी स्क्रिप्ट राइटिंग” बताया था.