India Pakistan Conflict: भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत, इन बॉर्डर पर होता है आयोजन

Beating Retreat Ceremony: इससे पहले मार्च 2020 के पहले सप्ताह में कोविड-19 महामारी के कारण इसे दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया था. 2019 में जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर युद्धविराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के कारण भारत ने इस परंपरा को छोड़ने का फैसला किया था.

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Beating Retreat Ceremony: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बीटिंग रिट्रीट समारोह

Beating Retreat Ceremony: भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच 10 दिन के युद्धविराम के बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) मंगलवार शाम को पंजाब के अटारी-वाघा, हुसैनीवाला और फाजिल्का सीमाओं पर छोटे स्तर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह फिर से शुरू करेगा. यह समारोह दोनों देशों के बीच 12 दिन के सैन्य संघर्ष के बाद आयोजित किया जा रहा है. अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि पाकिस्तान की तरफ के सशस्त्र कर्मियों के साथ हाथ मिलाना या सीमा द्वार खोलना संभव नहीं होगा.

कहां होगा समारोह?

भले ही सीमा द्वार खोलना संभव न हो, लेकिन दर्शकों को समारोह देखने की अनुमति होगी. यह समारोह शाम 6 बजे अमृतसर के पास अटारी सीमा, फिरोजपुर में हुसैनीवाला सीमा और फाजिल्का की सादकी सीमा पर होगा. बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट फ्रंट ने लोगों से सादकी में शाम 5:30 बजे तक पहुंचने और बड़ी संख्या में समारोह का आनंद लेने की अपील की है.

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सामान्य दिनों में सैकड़ों दर्शक इस समारोह को देखने आते हैं, जिसमें विदेशी नागरिक भी शामिल होते हैं. बीटिंग रिट्रीट अमृतसर के पास दोनों देशों की सीमा पर 1959 से होने वाला एक अनूठा और उत्साहपूर्ण सैन्य समारोह है, जिसमें राष्ट्रीय झंडे उतारने की प्रक्रिया शामिल होती है.

इतना ही नहीं, दोनों देशों के सीमा रक्षक आमतौर पर दीवाली, ईद, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे विशेष अवसरों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं. अटारी-वाघा जॉइंट चेक पोस्ट अमृतसर से लगभग 30 किमी और पाकिस्तान के लाहौर से 22 किमी दूर है, जहां करीब 25,000 दर्शक बीटिंग रिट्रीट समारोह को देखने आते हैं.

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मार्च 2020 के पहले सप्ताह में कोविड-19 महामारी के कारण इसे दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया था. 2019 में जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर युद्धविराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के कारण भारत ने इस परंपरा को छोड़ने का फैसला किया था. सितंबर 2016 में भारतीय सेना द्वारा सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बीएसएफ ने पाकिस्तान रेंजर्स को मिठाइयां नहीं दी थीं.

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