Supreme Court on Adani-Hindenburg Case: अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने सेबी (SEBI) से अलग एसआईटी जांच की मांग या विशेषज्ञ समिति की प्रामाणिकता पर उठाए गए सवालों को भी खारिज कर दिया. वहीं, इस फैसले को अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने सच्चाई की जीत करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है. सत्यमेव जयते! इसके आगे उन्होंने लिखा कि मैं उन लोगों का आभारी हूं, जो हमारे साथ खड़े रहे. भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा. जय हिन्द.
दरअसल, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अदाणी ग्रुप को बड़ी राहत देते हुए सेबी में चल रहे मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट अलग एसआईटी जांच की मांग और विशेषज्ञ समिति की प्रामाणिकता पर उठाए गए सवालों को भी खारिज कर दिया. देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सेबी के डोमेन में प्रवेश करने की इस अदालत के पास सीमित शक्ति है.
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सेबी को 3 महीने जांच करने के दिए आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने जहां एक तरफ इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. वहीं, कोर्ट ने कहा कि सेबी ने 24 में से 22 आरोपों की जांच पूरी कर ली है. हम सेबी को शेष 2 आरोपों की जांच तीन माह के भीतर पूरा करने का निर्देश देते हैं. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सेबी को कानून के अनुसार तार्किक निष्कर्ष निकालना चाहिए. अदालत ने इसके साथ कहा है कि सरकार और सेबी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण संभावित शॉर्ट सेलिंग उल्लंघनों पर गौर करें.
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