Dussehra Harda: मुस्लिम परिवार 40 वर्षों से बना रहा 'रावण', हरदा का दशहरा हिंदू-मुस्लिम एकता का उदाहरण

Dussehra in Harda: मध्य प्रदेश के हरदा में दशहरे की तैयारियां जोरों पर हैं. मुस्लिम शेख परिवार पिछले 40 वर्षों से रावण का पुतला बनाता आ रहा है. 2 अक्टूबर को 52 फीट ऊँचा रावण नेहरू स्टेडियम में जलाया जाएगा. यह पर्व न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है, बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और धार्मिक सौहार्द की मिसाल भी पेश करता है. 

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Dussehra Harda: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में दशहरे की धूमधाम पहले ही नजर आने लगी है. 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी पर्व बड़े उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाएगा. इस बार स्थानीय नेहरू स्टेडियम में 52 फीट ऊँचा रावण का पुतला दहन किया जाएगा.

इस पर्व की सबसे खास बात यह है कि रावण का निर्माण पिछले 40 वर्षों से एक मुस्लिम परिवार कर रहा है. आठ सदस्यों वाली शेख परिवार की टीम हर साल पूरी श्रद्धा और लगन से रावण का पुतला तैयार करती है. ताहिर शेख ने बताया कि उनके लिए यह केवल एक काम नहीं बल्कि धार्मिक आस्था और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है. बारिश हो या धूप, वे दिन-रात मेहनत करके पुतला तैयार करते हैं. 

यह परंपरा न केवल दशहरे के पर्व को खास बनाती है बल्कि यह हरदा में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और सामुदायिक सौहार्द का भी जीवंत उदाहरण है. रावण दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देता है. इस आयोजन में विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ मिलकर इस उत्सव को मनाते हैं. 

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स्थानीय निवासी भी इस पर्व को लेकर उत्साहित हैं. 52 फीट ऊँचे रावण को देखने के लिए हर वर्ग और धर्म के लोग स्टेडियम में इकट्ठा होंगे. आयोजकों का मानना है कि इस बार का रावण दहन केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि सामाजिक सद्भाव और सांप्रदायिक भाईचारे का प्रतीक भी होगा.

इस तरह, हरदा का दशहरा हिंदू-मुस्लिम एकता और धार्मिक सौहार्द का अनूठा संदेश देता है. यह दर्शाता है कि आस्था, श्रद्धा और परंपरा किसी भी धर्म, जाति या समुदाय की सीमा में बंधी नहीं होती. विजयादशमी का यह पर्व न केवल धर्म की जीत का प्रतीक है बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे की मिसाल भी है.

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