भारतीय सिनेमा जगत में शिक्षा पर आधारित फिल्में समय-समय पर देखने को मिलती रही हैं जो शिक्षा का असल महत्व समझाती है. वहीं फिल्म मेकर्स ने भी शिक्षकों के कर्त्तवों को बड़ी ही बखूबी से पर्दे पर उतारा है और फिल्मों के जरिये टीचर के योगदान को याद किया है. टीचर्स डे पर आज हम आपको ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आप भी इस टीचर दिवस पर देख सकते हैं.
राचसी (Raatchasi)
5 जुलाई, 2019 को रिलीज हुई तमिल फिल्म 'राचसी' की कहानी भी एक ऐसे ही सरकारी स्कूल को केंद्र में रखकर लिखी गई. जहां शिक्षक हैं, छात्र हैं, लेकिन, स्कूल जैसी कोई बात नजर नहीं आती. हालांकि इस सरकारी स्कूल की तकदीर उस समय खुलने लगती है, जब उस स्कूल में एक नई प्रधानाध्यापिका गीता रानी की नियुक्ति होती है. गीता रानी चुनौतियों से लड़ते हुए एक सरकारी स्कूल को राज्य के सबसे बेहतरीन स्कूलों की लाइन में लाकर खड़ा कर देती है. इस फिल्म में साउथ एक्ट्रेस ज्योतिका सरवनन मुख्य किरदार में हैं. वहीं ये फिल्म सैयद गौतमराज द्वारा लिखित और निर्देशित है, जबकि फिल्म का निर्माता एसआर प्रभु और एसआर प्रकाशबाबू हैं. बता दें कि आप इस को यूट्यूब पर तमिल के अलावा हिंदी भाषा में भी देख सकते हैं.
रफ बुक (Rough Book)
24 जून, 2016 को रिलीज हुई फिल्म 'रफ बुक' की कहानी एक ऐसे फिजिक्स (भौतिकी) टीचर की है, जो ‘डी' डिविजन के बच्चों को पढ़ाती है. स्कूल में डी वर्ग को सब ‘डफर्स' (मूर्ख) कहकर चिढ़ाते हैं. इस फिल्म में तनिष्ठा चटर्जी फिजिक्स टीचर के रोल में है जो बखूबी से एक ईमानदार टीचर की भूमिका निभाई है. इस फिल्म में तनिष्ठा अपनी बातों से डी डिविजन के बच्चों को प्रेरित करती है और स्कूल में आने वाले रिजल्ट को पलट देती है. दरअसल, इस फिल्म के जरिए आज के छात्रों, अध्यापकों और अभिभावकों के स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था को सामने लाती है. बता दें कि इस फिल्म में तनिष्ठा चटर्जी अहम किरदार में हैं, जबकि फिल्म को अनंत महादेवन ने निर्देशित किया है.
ये भी पढ़े: जबलपुर के 125 साल पुराने स्कूल की अनोखी परंपरा, देश-विदेश से आए पूर्व छात्रों ने किया गुरु वंदन
सुपर 30 (Super 30)
साल 2019 में रिलीज हुई फिल्म सुपर 30 बिहार के लोकप्रिय गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन पर आधारित है. इस फिल्म में ऋतिक रोशन ने आनंद कुमार की भूमिका निभाई थी. दरअसल, फिल्म सुपर 30 में आनंद कुमार की कहानी दिखाई गई है जो चुनौतियों से लड़ते हुए पटना में 30 छात्रों को आईटीटी के लिए प्रशिक्षित करते हैं. इस फिल्म में ऋतिक रोशन और मृणाल ठाकुर अहम किरदार में हैं. जबकि फिल्म विकास बहल द्वारा निर्देशित किया गया है.
तारे जमीन पर (Taare Zameen Par)
बॉलीवुड एक्टर आमिर खान और दर्शील सफारी अभिनीत फिल्म तारे जमीन पर सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में बाल कलाकर ईशान अवस्थी का किरदार दर्शील सफारी ने बखूबी निभाया था. इस फिल्म में ईशान अवस्थी को ऑटिज्म की बीमारी थी. इसमें ईशान ना तो सही से पढ़-लिख पाता था, ना ही उसे पढ़ाई में कोई रुची थी, वहीं इस फिल्म में आमिर खान ने एक आर्ट टीचर की भूमिका प्ले की है जो बच्चों को गाकर, खिलाकर पढ़ाने में विश्वास करते हैं और आमिर ने अपने ही क्लास में पढ़ने में कमजोर छात्र ईशान अवस्थी पर पूरा ध्यान देते हैं और उसके अंदर के टैलेंट को पहचानकर उसे अच्छे राह पर ले जाने का काम करते हैं.
मास्साब (Maassab)
निर्देशक आदित्य ओम की फिल्म 'मास्साब' प्राइमरी एजुकेशन के इर्द-गिर्द ही घूमती है. दरअसल, इस फिल्म में एक्टर शिव सूर्यवंशी एक गांव के सरकारी स्कूल को मॉडल स्कूल में तब्दील कर देते हैं. वहीं इस फिल्म में उन सवालों को उठाने की कोशिश की गई है जो प्राइवेट स्कूलों के दौर में धीरे-धीरे भारत की मुख्य धारा से सरकारी स्कूले गायब होते जा रहे है. दरअसल, शिव सूर्यवंशी को पढ़ाने का जुनून ऐसा है कि 'कलेक्टरी' छोड़ कर टीचर बन जाते हैं और सरकारी स्कूल को मॉडल स्कूल में तब्दील कर देते हैं. बता दें कि इस फिल्म को सबसे पहले साल 2018 में कॉस्मिक फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया था. हालांकि ये फिल्म भारत में 29 जनवरी, 2021 को रिलीज हुई थी. वहीं इस फिल्म ने राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, कॉस्मिक फिल्म फेस्टिवल पुरस्कार जैसे कई अवॉर्ड भी जीते है.
ये भी पढ़े: इंदौर : सरकारी विद्यालय के शिक्षकों ने खुद चंदा करके गरीब बच्चों के लिए बनाई 'स्मार्ट' कक्षा