Madhya Pradesh में आफत की बारिश! Dewas में अनाज को तरसे बाढ़ पीड़ित

पिछले दिनों हुई बारिश से नर्मदा नदी उफान पर आई थी और देवास जिले के आसपास के गांवों में बाढ़ आ गई थी.

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Dewas में अनाज को तरसे बाढ़ पीड़ित

Dewas News: देवास जिला मुख्यालय से करीब 130 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के किनारे बसे करीब 4 गांवों में भारी बारिश की वजह से गरीबों का आशियाना उजड़ गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की. बारिश के बाद गांव वालों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था करना चुनौती बना हुआ है.

फसलें पूरी तरह से बाढ़ में चौपट हो गई हैं.

हालांकि सामाजिक संगठन ने गेहूं चावल देकर ग्रामीणों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था कर दी, लेकिन फसलें पूरी तरह से बाढ़ में चौपट हो गई हैं.

नर्मदा नदी उफान पर आने के बाद जब बाढ़ का पानी घरों में प्रवेश कर गया तो किसी तरह ग्रामीण जान बचाकर नाव का सहारा दूसरे क्षेत्र में निकल गए. जब नदी का पानी कम हुआ और हालात ठीक हुए तो ग्रामीण वापस लौटकर आए तो देखा की उनके आशियाने उजड़ चुके थे.

ग्रामीण वापस लौटकर आए तो देखा की उनके आशियाने उजड़ चुके थे.

कच्चे मकानों की दीवारें जमींदोज हो गई थीं. बाढ़ का पानी अनाज, गृहस्थी का सामान, कपड़े आदि अपने साथ बहा ले गया था.

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घर में बची हुई खाद्य सामग्री और अन्य सामान पानी में भीगने से खराब हो चुके थे. ग्रामीणों के हालात बेहद खराब हैं. लेकिन उनकी सुध लेने के लिए प्रशासन का कई अधिकारी या जनप्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचा है.

ग्रामीणों के हालात यह है कि न सोने के लिए बिस्तर है, न ही पहनने के लिए कपड़े और न ही पेट भरने के लिए अनाज. इस वक्त ग्रामीणों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

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एनडीटीवी ने ग्राउंड रिपोर्ट पर जाकर देखा और ग्रामीणों से चर्चा की तो धारा जी गांव और आस-पास के ग्रामीणों ने बताया कि नर्मदा का पानी घरों में भरने लगा और अपनी जान बचाते हुए हम परिवार के सदस्यों के साथ नाव के सहारे सुरक्षित स्थानों पर चले गए. आस-पास के पांच गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे.

अब जैसे-जैसे नर्मदा का पानी उतर रहा है वैसे हम अपने घर की ओर आए..आकर देखा सब बाढ़ में बह गया..घर में रखा रुपया पैसा कपड़े अनाज यहां तक की घर भी बाढ़ में बह गया. दीवारें गिर गईं..घर बेहाल हो गए..घर के अंदर जो बचा वह भी पूरा खराब हो गया. हमारी सुध लेने अभी तक कोई प्रशासन का अधिकारी न ही कोई नेता आया है. ग्रामीणों की मदद से और कुछ संस्थाओं की मदद से हमें खाने-पीने के लिए चावल गेहूं दिए जा रहे हैं.

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 ग्रामीणों ने बताया कि इस बाढ़ में हमारा सब कुछ बह गया. न ही हमारे पास खाने को अनाज है न ही पहनने को कपड़े...जो सामान बाढ़ में नहीं बहा.. बस वही हमारे पास बचा हुआ है.

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