टमाटर 2 रुपये किलो... आखिर क्या है दाम गिरने की वजह? चिंता में डूबे यहां के किसान

Chhattisgarh Tomato Farmers Face Crisis: छत्तीसगढ़ में टमाटर की कीमतें गिरने से किसानों की चिंता बढ़ गई है. टमाटर की खेती की लागत लगभग 2 लाख रुपये प्रति एकड़ आती है, लेकिन बाजार में टमाटर की कीमतें इतनी कम हो गई हैं कि किसानों को अपनी लागत भी नहीं मिल पा रही है. थोक में टमाटर 2 रुपये प्रति किलो और चिल्हर में 5 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है.

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टमाटर ने बढ़ाई किसानों की चिंता

Tomatoes at Rs 2 per kg: छत्तीसगढ़ में टमाटर के गिरते दाम ने किसानों की चिंता बढ़ गई है. आलम यह है कि खेती की लागत तो दूर तुड़ाई की कीमत भी किसान नहीं वसूल पा रहे हैं. नुकसान को कम करने किसान 2 रुपये प्रतिकिलो की दर से टमाटर बेचने को मजबूर हैं.

छत्तीसगढ़ को मध्यभारत का टमाटर उत्पादन का हब है...राज्य के दुर्ग, जशपुर, महासमुंद, मुंगेली, बालोद जिले में बड़े पैमाने पर टमाटर उत्पादन व उसका निर्यात होता है. लेकिन इस साल टमाटर उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है. थोक में 2 रुपये तो चिल्हर में 5 रुपये प्रतिकिलो की दर से टमाटर बिक रहा है.

किसानों का दुखड़ा

युवा किसान योगेश साहू बताते हैं कि 70 दिन से मार्केट एकदम स्टेबल है. टमाटर 60 से 70 रुपये प्रति कैरेट बिक रहा है, जिसमें 25 से 28 किलो का वजन है. यानी कि खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. यह 2 से 3 रुपये किलो बिक रहा है. 

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लागत ज्यादा और आमदनी...

तीन किसानों से बातचीत में पता चलता है कि एक एकड़ में टमाटर की फसल तैयार करने में लगभग 2 लाख रुपये की लागत आती है. इसमें बीज, धागा, पाइप, मल्चिंग शीट, फ़र्टिलाइज़र और आवश्यक कीटनाशकों सहित सभी आवश्यक सामग्री शामिल होती है. 3 महीने बाद फल तैयार होता है और 7 महीने तक तुड़ाई कर सकते हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर छत्तीसगढ़ में किसान टमाटर इतने कम दाम पर बेचने क्यों मजबूर हैं.

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योगेश साहू बताते हैं कि छत्तीसगढ़ का टमाटर महाराष्ट्र, बंगाल व अन्य प्रदेशों में सप्लाई होता था, लेकिन इस साल दूसरे राज्यों में टमाटर का उत्पादन अच्छा हुआ है. इसके अलावा पहले पाकिस्तान,बांग्लादेश,नेपाल व अन्य पड़ोसी देशों में राज्य का टमाटर जाता था. कुछ सालों से नेपाल छोड़ अन्य देशों में सप्लाई बंद है. उत्पादन अधिक होने के कारण अब रेट नहीं मिल रहा है. 

छत्तीसगढ़ में टमाटर की खेती

  • छत्तीसगढ़ में साल 2012-13 में राज्य में लगभग 47000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में टमाटर की खेती होती थी
  • दस साल पहले राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 750000 मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता था
  • दस साल बाद टमाटर की खेती का क्षेत्रफल 2022-23 में बढ़कर लगभग 61 हज़ार हेक्टेयर हो गया
  • साल 2022-23 में उत्पादन लगभग 10 लाख मीट्रिक टन हो गया
  • छत्तीसगढ़ में 1 हजार से ज्यादा छोटे-बड़े किसान टमाटर की पेशेवर खेती करते हैं

टमाटर की खेती नुकसानदायक! 

टमाटर की खेती हमेशा नुकसान भरी रही हो ऐसा नहीं है, कुछ महीने पहले ही खुले बाज़ार में टमाटर की क़ीमत 100-120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी. लेकिन अधिक उत्पादन ने आसमान छूते टमाटर के भाव को जमीन पर ला दिया है. कम कीमतों ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. 

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