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'चींटी की चटनी' के दीवाने हैं CM विष्णुदेव साय! महिला कमांडों की मां से कर दी ये गुजारिश, जानिए क्या है रेसिपी?

Red Ant Chutney: छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगलों में मिलने वाली चापड़ा की चटनी अब शहरों में भी लोकप्रिय हो रही है, क्योंकि अब सीएम विष्णुदेव साय भी इसके दीवाने हो गए हैं. नमक और मिर्च के साथ बनाई जाने वाली यह अनोखी चटनी अपने तीखेपन और उम्दा स्वाद के लिए जानी जाती है.

'चींटी की चटनी' के दीवाने हैं CM विष्णुदेव साय! महिला कमांडों की मां से कर दी ये गुजारिश, जानिए क्या है रेसिपी?

Red Ant Chutney: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में आदिवासियों के व्यंजन में सबसे अधिक लोकप्रिय है तो वो है लाल चींटी की चटनी जिसे बस्तर में 'चापड़ा चटनी' कहा जाता है. जो भी बस्तर आता वो एक बार जरूर इस चटनी का स्वाद चखता है. इस चटनी के दीवाने प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय भी हैं. दरअसल,  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बस्तर जिले के सेड़वा में स्थित सीआरपीएफ के 241 बटालियन के कैंप में रुके. इस दौरान उनका मन 'चापड़ा चटनी' (चींटी की चटनी) खाने का हो गया. उन्होंने CRPF बस्तरिया बटालियन की कमांडो प्रमिका दुग्गा की मां से फोन पर बात की. उन्होंने माता जी से पूछा- घर आने पर चापड़ा चटनी खिलाएंगे? इस पर प्रमिका की मां ने कहा कि जब भी आप आएंगे, जरूर खिलाऊंगी.

जवान की मां से फसलों की जानकारी भी ली

मुख्यमंत्री ने जवान की माता को बताया कि हम इस बटालियन में जवानों और अधिकारियों के साथ रात रुके रहे. ये जवान देश-प्रदेश की सेवा के लिए तत्पर रहते है इसके साथ समय बिताकर बहुत अच्छा लगा. सीएम साय ने मोबाइल पर बात करते हुए प्रमिका की मां से घर के सभी सदस्यों का हाल-चाल जाना और सभी के स्वास्थ्य की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने प्रमिका की मां से खेतों में धान की कटाई और फसलों के बारे में जानकारी ली.

घर आने पर चींटी की चटनी खिलाना

बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नारायणपुर आने पर आपके घर आएंगे तो चापड़ा चटनी खिलायेंगे? इस पर प्रमिका की मां ने कहा कि जब भी आप आएंगे, जरूर खिलाऊंगी. वहीं चापड़ा चटनी की बात सुनकर वहां मौजूद सभी के चेहरे पर मुस्कान दौड़ गई.

महिला जवानों के परिवारों को सीएम साय ने भेंट किए  वस्त्र 

वहीं बस्तरिया बटालियन में तैनात प्रमिका दुग्गा ने बताया कि बस्तरिया बटालियन में 2017 में उनका चयन हुआ था. प्रमिका नारायणपुर जिले के ग्राम पालकी के रहने वाले हैं और सेड़वा 241 बटालियन से पहले सुकमा जिले के इंजराम 219 बटालियन, कोंटा 217 बटालियन, अंदरूनी क्षेत्रों में सेवा दे चुके हैं. बता दें कि सीएम साय इस दौरान मौजूद अन्य महिला जवानों के परिवारों के लिए वस्त्र भेंट किए.

चापड़ा की चटनी अब शहरों में भी हो रहा पॉपुलर

छत्तीसगढ़ के बस्तर के ग्रामीण अंचलों में हर रोज लगने वाले हाट बाजारों में ग्रामीण महिलाओं द्वारा बेची जाने वाली चींटी की चटनी इस बाजार की शान होती है. बस्तर घूमने आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद चापड़ा चींटी की चटनी होती है और हर कोई पर्यटक इस चींटी के चटनी का स्वाद चखना चाहता है. इतना ही नहीं चापड़ा की चटनी को चखने से तेज बुखार भी उतर जाती है.

कैसे तैयार होता है चापड़ा की चटनी?

चापड़ा चींटी की चटनी बकायदा बस्तरिया स्टाइल बनाई जाती है. दरअसल,  चटनी को सिल पत्थर में टमाटर, हरी धनिया कच्ची मिर्ची और नमक डालकर पीसा जाता है. फिर इसे रोटी और चावल के साथ परोसा जाता है. 

चापड़ा चींटी ज्यादातर आम के पेड़ो, सरई, जामुन, काजू के पेड़ और चौड़े पत्ते वाले पेड़ साल वनों में पाया जाता है. वहीं बस्तर के स्थानीय ग्रामीण इस चापड़ा चींटी को जिंदा पकड़ते हैं, जिसके बाद इसे पत्ते की बनी दोनी (कटोरी ) में रखते हैं.

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