Baloda Bazar Sex Scandal : बलौदा बाजार (Baloda Bazar) जिले के बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल कांड में बड़ा अपडेट सामने आया है. जहां प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट ने मुख्य आरोपी शिरीष पांडे की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. दरअसल, कोर्ट ने आरोपी के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए ये फैसला सुनाया है. आरोपी शिरीष पांडे ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत अर्जी लगाई थी. पुराने कई मामलों में लगातार फरार होने के चलते उस पर शिकंजा कसा जा रहा है. इस मामले में अब तक कई बड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिसमें महान मिश्रा, दुर्गा टंडन, रवीना टंडन और प्रत्यूष मरैया के नाम शामिल है. जबकि मुख्य आरोपी शिरीष पांडे, पुष्पमाला फेकर, हीराकाली बंजारे और आशीष शुक्ला अभी भी फरार बताए जा रहे हैं. बता दें कि शिरीष पांडे बलौदा बाजार के पूर्व विधायक प्रमोद शर्मा का प्रतिनिधि रह चुका है.
जानिए क्या है बलौदा बाजार सेक्स स्कैंडल ?
दरअसल, बलौदा बाजार जिले में लंबे समय से चल रहे सेक्स स्कैंडल कांड में कई सफेदपोश लोगों का नाम सामने आया था. इस मामले में कई जनप्रतिनिधि, पुलिस कर्मी, वकील, कथित पत्रकार सहित अन्य की भूमिका संदिग्ध मिली थी. साथ ही खबर सामने आई थी कि कई लोगों से झूठे सेक्स मामले में फंसाने की धमकी देते हुए भी डरा कर लाखों रुपए की वसूली की गई थी. इस अवैध वसूली को लेकर भी कोतवाली पुलिस ने FIR दर्ज की थी. FIR दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपियों के घर की तलाशी लेने के बाद एक आरोपी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मामले में तीन अन्य आरोपियों दुर्गा टंडन, मोंटी उर्फ प्रत्युष मारईया और रवीना टंडन को भी गिरफ्तार किया गया था.
आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने लगाई अर्जी
बता दें कि इसी मामले में पुलिस शिरीष पांडे सहित अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है. हालांकि जिले के पुलिस अधिकारियों को अब तक सफलता नहीं मिली है. आरोपी पुलिस को छकाने में अब तक सफल रहे हैं. इधर, गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार आरोपी कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल कर रहे हैं. इसी कड़ी में शिरीष पांडे ने भी अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट में पेश की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
ये भी पढ़ें :
पुलिसवालों की दबंगई पर SP का एक्शन ! अवैध वसूली करने वाले 2 कांस्टेबल सस्पेंड
जिला पुलिस पर भी उठे कई सवाल
गौरतलब है कि सेक्स स्कैंडल मामले में पुलिस कर्मियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे. पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी. अब आरोप लगाया जा रहा है कि उन्हीं पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए पुलिस की जांच अब धीमी पड़ गई है और पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए ही पुलिस आरोपियों की पतासाजी और गिरफ्तारी में तेजी नहीं आ रही. हालांकि मामले में जांच के बाद ही सभी की भूमिका सामने आ पाएगी. फिलहाल, जमानत अर्जी खारिज होने के बाद फरार आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है.
ये भी पढ़ें :
बॉस ने किया रेप तो लड़की ने ऑफिस में की खुदकुशी... WhatsApp चैट ने खोले राज