पर्यटन दिवस : प्रकृति की गोद में बसे कोरिया-सरगुजा अंचल में हैं पर्यटकों के लिए कई आकर्षण

पर्यटन दिवस (Tourism Day) के मौके पर हम आपके लिए आज छत्तीसगढ़ के काेरिया अंचल में मौजूद प्रमुख पयर्टन आकर्षण (Chhattisgarh Tourist Attractions) को लेकर आए हैं. प्रकृति की गोद में बसे और हरियाली की चादर से ढंका कोरिया-सरगुजा क्षेत्र विभिन्न विविधताओं से भरा हुआ है. यहां नदियों और जलप्रपातों के अलावा घूमने-फिरने के लिए बहुत कुछ है.

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Chhattisgarh News : आज पर्यटन दिवस (Tourism Day) है. इस मौके पर हम आपके लिए आज छत्तीसगढ़ के काेरिया अंचल में मौजूद प्रमुख पयर्टन आकर्षण (Chhattisgarh Tourist Attractions) को लेकर आए हैं. प्रकृति की गोद में बसे और हरियाली की चादर से ढंका कोरिया-सरगुजा क्षेत्र विभिन्न विविधताओं से भरा हुआ है. यहां नदियों और जलप्रपातों के अलावा घूमने-फिरने के लिए बहुत कुछ है.

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झुमका आईलैंड
Photo Credit: CMO Chhattisgarh FB Page

कोरिया जिले के आस-पास बहुत कुछ है खास

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के आस-पास घासीदास राष्ट्रीय उद्यान, हसदेव नदी पर गौरघाट, च्युल जलप्रपात, अकुरी नाला जलप्रपात, अमृतधारा जलप्रपात, गेज परियोजना, झुमका आईलैंड और बोट क्लब, कोरिया पैलेस आदि हैं, तो वहीं रामगढ़ स्थित जोगीमारा एवं सीताबंगेरा गुफा में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ने माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ प्रवास किया था.
 

माना जाता है कि रामगढ़ स्थित गुफाओं में श्रीराम की महर्षि विश्रवा से भेंट हुई थी. इस स्थान पर एक प्राचीन नाट्यशाला स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि यहां की पहाड़ियों पर कालिदास ने मेघदूतम महाकाव्य की रचना की है. यहां स्थित गुफा में प्राचीन शैलचित्र में अंकित हैं.

बरसात में जब प्रकृति अपने सौन्दर्य की चरम-सीमा पर होती है तो कोरिया जिले की कुछ महत्वपूर्ण नदियों पर बनने वाली जलप्रपात को भी सुन्दरता प्रदान करती है. यह जलप्रपात स्वतः ही अपनी सुन्दरता बिखेरने लगते हैं. कोरिया जिले के आसपास कई ऐसे जलप्रपात हैं, जो विहंगम दृश्यों को परिचित कराते हैं. हसदेव नदी के उद्गम स्थल भी कोरिया जिले को माना जाता है.

टाइगर प्वॉइंट प्रपात
Photo Credit: chhattisgarh tourism

सरगुजा जिले में भी कई पर्यटन स्थल

सरगुजा संभाग अपनी प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है. यहां दसवीं शताब्दी की प्राचीन शिव मंदिर, छेरिका देउर के विष्णु मंदिर, आठवीं शताब्दी तीर्थकर वृषभ नाथ प्रतिमा जैसे अनेक स्थल हैं. सरगुजा जिले में ही देवगढ प्राचीन काल की ऋषि यमदग्नि की साधना स्थल रही है. इसके अलावा अनेक मठ, पुरातात्विक कलात्मक मूर्तियां एवं प्राकृतिक सौंदर्य हैं. इसी जिले में ही प्राकृतिक वन सुषमा के बीच कैलाश गुफा स्थित है. इसे संत रामेश्वर गहिरा गुरूजी ने पहाड़ी चट्टानों को ताराश कर निर्मित करवाया है.

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सरगुजा संभाग में ही तातापानी जो प्राकृतिक रूप से निकलते गरम पानी के लिए प्रसिद्ध है. इस क्षेत्र में स्थित मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है. यहां सरभंजा जल प्रपात, टाइगर प्वाइंट, मछली प्वांइट प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं.

रिहन्द एवं मांड नदी का उदगम स्थल भी मैनपाट से हुआ है. इस वजह से इसे छत्तीसगढ़ का तिब्बत भी कहा जाता है. यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौध मंदिर आकर्षण का केन्द्र है. जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर, मनेन्द्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर जिले भी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है.

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