छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के हजारों किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna) के तहत मिलने वाली सुविधा से वांछित हैं. बताया जा रहा है कि किसानों ने वर्ष 2022-23 में रबी फसल के लिए बीमा कराया था, लेकिन प्राकृतिक आपदा में चने की फसल खराब होने के बावजूद भी किसानों को अभी तक बीमा की राशि नहीं मिल सकी है. इसके लिए किसान अधिकारियों और नेताओं के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. किसानों का कहना है कि जानबूझकर लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
फसलों की प्रीमियम राशि देने के बाद भी किसानों को बीमा की राशि के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है. जिले के किसान बीमा की राशि की मांग करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय (Collector office Bemetara) में इकट्ठा हुए है. वहीं दूसरी ओर जिले के अधिकारियों के पास किसानों को दी गई क्षतिपूर्ति से संबंधित जानकारियां ही नहीं हैं और ना ही उनके पास कोई आंकड़े उपलब्ध हैं.
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बीमा कंपनी ने किया किसानों के साथ भेदभाव
प्राकृतिक आपदा के चलते जिले में चने के फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. जिसके बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के फसलों के नुकसान का आकलन भी किया गया, लेकिन बीमा कंपनी ने किसानों को अभी तक बीमा की राशि नहीं दी है. बताया जा रहा है कि जिन किसानों को राशि मिली भी है तो उनके साथ कंपनी ने भेदभाव किया है. किसी किसान को ₹100 प्रति एकड़ तो किसी को ₹8000 प्रति एकड़ दिए हैं, इसके अलावा कई किसानों को तो एक रुपए का भी मुआवजा नहीं दिया गया है जबकि उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई है.
करीब 86 हजार किसानों ने कराया था बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 86434 किसानों ने कृषि विभाग, जिला सहकारी बैंक व अन्य बैंकों के माध्यम से वर्ष 2022-23 में रबी फसल के लिए 1 लाख 23 हजार 114.55 हेक्टर फसल का बीमा कराया था. इन किसानों ने बीमा कंपनी को 45 लाख 227.47 हजार की प्रीमियम राशि जमा करते हुए अपने फसलों का बीमा कराया था, ताकि प्राकृतिक आपदा में नुकसान की भरपाई हो सके.
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