जिला अस्पताल बैकुंठपुर में नहीं हैं एनेस्थीसिया और सर्जन डॉक्टर, अपने खर्च पर मरीज करा रहे ऑपरेशन

Korea News: डॉक्टरों की कमी के चलते जिला अस्पताल बैकुंठपुर में मरीजों को ऑपरेशन के लिए प्राइवेट एनेस्थीसिया या सर्जन डॉक्टर के फीस का खर्च उठाना पड़ रहा है. जबकि कई मरीज बिना ऑपरेशन करवाए वापस लौट रहे हैं.

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No Doctors in Government Hospital Korea: छत्तीसगढ़ के कोरिया (Korea) में सरकारी डॉक्टरों की कमी (Shortage of Doctors) के चलते इलाज का खर्च मरीजों को उठाना पड़ रहा है. यह मामला जिला अस्पताल बैकुंठपुर (District Hospital Baikunthpur) का है, जहां ऑपरेशन करवाने के लिए मरीजों को प्राइवेट एनेस्थीसिया या सर्जन डॉक्टर को पैसे देकर हायर करना पड़ रहा है. वहीं इस मामले में सीएमएचओ का कहना है कि जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया डॉक्टर की कमी लंबे समय से बनी हुई है. इसके लिए सरकार (Chhattisgarh Government) को पत्र लिखकर डॉक्टरों की मांग की गई है, लेकिन अभी तक किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो पाई है.

कई मरीज बिना ऑपरेशन कराए लौटे

डॉक्टरों की कमी के चलते जिला अस्पताल बैकुंठपुर में मरीजों को ऑपरेशन के लिए प्राइवेट एनेस्थीसिया या सर्जन डॉक्टर के फीस का खर्च उठाना पड़ रहा है. जबकि कई मरीज बिना ऑपरेशन करवाए वापस लौट रहे हैं. अस्पताल में छोटे ऑपेरशन के लिए मनेंद्रगढ़ से एनेस्थीसिया डॉक्टर को बुलाया जा रहा है, जिनकी फीस 3 हजार रुपए है. यह खर्च मरीजों की जेब पर भारी पड़ रहा है.

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अस्पताल में हर महीने हो रहे 20 ऑपरेशन

जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के बावजूद हर महीने 20 से अधिक ऑपरेशन हो रहे हैं. नवंबर महीने में 23 मेजर ऑपरेशन हुए हैं, जबकि 16 सिजेरियन डिलीवरी हुई है. अक्टूबर में जिला अस्पताल बैकुंठपुर में 16 मेजर ऑपरेशन और 18 सिजेरियल डिलीवरी हुई. जबकि सिंतबर महीने में मात्र पांच ही सिजेरियल डिलवरी हुई. वहीं अगस्त महीने की बात करें तो, इस महीने में 3 मेजर ऑपरेशन और 11 सिजरियल डिलीवरी हुई. अप्रैल और मई में 10-10 मेजर ऑपरेशन और 2 सिजेरियल डिलीवरी हुई.

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मरीजों के खर्च पर दूसरे अस्पताल से आते हैं डॉक्टर

बैकुंठपुर जिला अस्पताल में सर्जरी के लिए एक भी डॉक्टर नहीं हैं जबकि कोरिया, एमसीबी जिले में एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट एक ही डॉक्टर है, जिन्हें मरीज के खर्च पर जिला अस्पताल बुलाया जाता है. जिस कारण ऑपरेशन थिएटर में वेटिंग में बड़ी संख्या में मरीज रहते हैं. अक्सर गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन के समय एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट नहीं होने के कारण मनेंद्रगढ़ से स्पेशलिस्ट बुलाने पड़ते हैं. वहीं कई मरीज अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने के कारण प्राइवेट अस्पताल या अंबिकापुर, बिलासपुर, रायपुर में ऑपरेशन करवाने को मजबूर हैं.

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सीएमएचओ ने बताया कई बार दे चुके हैं निवेदन

वहीं इस मामले में सीएमएचओ डॉ आर एस सेंगर ने कहा कि अस्पताल में एनेस्थीसिया डॉक्टर की कमी लंबे समय से बनी हुई है. शासन को पत्र लिखकर कई बार निवेदन किया गया है, फिर भी एनेस्थीसिया डॉक्टर की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है. वर्तमान में अस्पताल में सर्जन डॉक्टर भी नहीं है. दिन के वक्त मनेंद्रगढ़ से एनेस्थीसिया डॉक्टर को बुलाया जाता है, लेकिन रात में या इमरजेंसी के दौरान मरीज को अंबिकापुर या रायपुर रेफर करना पड़ता है.

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