CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले के अंबिकापुर (Ambikapur) के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश से पहले जंगली हाथियों (Wild Elephants) का आतंक एक बार फिर से शुरू हो गया है. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के शिमला से जाने वाले मैनपाट का है, जहां पिछले तीन दिनों से जंगली हाथियों ने उत्पात मचाते हुए लगभग एक दर्जन से ज्यादा घरों को तोड़ दिया है, जिसके कारण ग्रामीणों में भय के माहौल में खुले आसमान के नीचे रात गुजारना पड़ रहा है.
आधा दर्जन से अधिक घर क्षतिग्रस्त..
वहीं, वन विभाग जंगली हाथियों को जंगलों की ओर खड़े रहने में अब तक नाकाम साबित हुआ है. दरअसल मैनपाट वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत उड़मकेला के आश्रित गांव मोहनाडिहारी में गुरुवार की रात लगभग 10 बजे घुसे हाथियों ने आधा दर्जन से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया.
आजीविका को लेकर संकट
सुबह 5 बजे तक हाथी बस्ती में ही विचरण करते रहे.सारी रात आबादी क्षेत्र में विचरण करने के बाद अलसुबह हाथी नजदीक के जंगल में चले गए. गांव में पहाड़ी कोरवा परिवार के साथ रहते हैं. सुबह जब वे अपने घरों तक पहुंचे तो घर में रखे अनाज को हाथी चटकर गए थे. घरेलू उपयोग के सारे सामानों को हाथियों ने तहस- नहस कर दिया था. हाथियों के द्वारा पहुंचाई गई क्षति के बाद प्रभावित परिवारों के समक्ष आजीविका को लेकर संकट की स्थिति बन गई है.
रात में घर में नहीं रहते ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि शाम से ही जंगली हाथियों की आबादी क्षेत्र के आसपास मौजूदगी रहती है, जिसके कारण देर रात जब हाथियों का बस्ती की ओर रुख होना निश्चित रहता है, इसी कारण उन्होंने घर से दूरी बना ली. हाथियों के बस्ती में प्रवेश को देखते हुए प्रभावित परिवारों के लिए रात में शासकीय छात्रावास में व्यवस्था की गई थी. छात्रावास में पूरी रात बिताने के बाद जब वे अपने-अपने घरों की ओर गए, तो वहां का नजारा देखकर इनके होश उड़ गए. वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की निगरानी में लगे हुए हैं.
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यह विवाद है पुराना
जंगली क्षेत्र में मानव का कब्जा होने के बाद आए दिन हाथी सहित अन्य वन्य प्राणियों का शहर की ओर रुख होते देखा जा रहा है. वन्य क्षेत्रों का घटता दायरा मानव जीवन में उथल-पुथल लाने के साथ ही वन्य प्राणियों को बस्तियों की ओर रुख करने के लिए मजबूर कर रहा है. यही कारण है कि हाथी-मानव के बीच द्वंद्व की स्थिति बनते जा रही है. वन विभाग का अमला गांव के प्रभावित परिवारों को पहुंची क्षति का आकलन करने में लगा है. इसके बाद नियमानुसार मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि हाथियों का दल नजदीक के जंगल में है. वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की निगरानी के साथ ही ग्रामीणों को सतर्क करने में लगे हैं.
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