CG News: राजस्व मंत्री पर तहसीलदार संघ के अध्यक्ष ने लगाया आरोप, तो सरकार ने कर दिया निलंबित

Chhattisgarh News: बड़ी संख्या में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का तबादला 13 सितंबर को किया गया था. राज्य शासन के इस आदेश पर नीलमणि दुबे तहसीलदार ने मीडिया में बयान देकर राजस्व मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए गए थे.

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा पर लेनदेन का आरोप लगाने वाले कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष को प्रदेश सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बतौर तहसीलदार नीलमणि दुबे को निलंबित करने का आदेश छत्तीसगढ़ सरकार में अवर सचिव अन्वेष घृतलहरे के हस्ताक्षर से जारी हुआ है.

इस आदेश में कहा गया है कि  13 सितंबर 2024 को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का स्थानांतरण किया गया था. इस स्थानांतरण के संबंध में तहसीलदार नीलमणि दुबे ने मीडिया में बिना शासन की अनुमति लिए शासन के विरुद्ध बयानबाजी की. लिहाजा, तहसीलदार नीलमणि दुबे का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 नियम 3 और 9 का प्रथम दृष्टिया उल्लंघन है. इसलिए राज्य शासन ने नीलमणि दुबे को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) क के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में नीलमणि दुबे, तहसीलदार का मुख्यालय जिला कार्यालय मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी निर्धारित किया गया है. निलंबन अवधि में नीलमणि दुबे को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी.

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तबादले पर दिया था बयान

दरअसल, बड़ी संख्या में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का तबादला 13 सितंबर को किया गया था. राज्य शासन के इस आदेश पर नीलमणि दुबे तहसीलदार ने मीडिया में बयान देकर राजस्व मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. तहसीलदार नागमणि दुबे ने मंत्री पर लेनदेन का भी आरोप लगाया था, जो गंभीर श्रेणी में आता है. बता दें कि तहसीलदार नीलमणि दुबे कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का तबादला दूरस्थ क्षेत्रों में किया गया है. साथ ही नियमों का पालन नहीं किया गया है. इसके अलावा भी उन्होंने कई गंभीर आरोप के साथ प्रमाण भी दिए थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि दो माह के भीतर कई अधिकारियों का तबादला दोबारा किया गया है.

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विपक्ष ने भी बनाया था मुद्दा

तहसीलदार नीलमणि दुबे के बयान के बाद राज्य सरकार की बड़ी किरकिरी हुई थी. विपक्ष ने भी इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया था. साथ ही कई गंभीर आरोप भी लगाए थे.सरकार की हो रही बदनामी और जनता के बीच किरकिरी को देखते हुए राज्य सरकार ने अब इस मामले में एक्शन लेते हुए तत्काल प्रभाव से तहसीलदार नीलमणि दुबे को निलंबित कर दिया है. हालांकि, उनका जिला मुख्यालय मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी रखा गया है, जहां पर उनको वर्तमान में बलौदा बाजार के सिमगा तहसील से तबादला किया गया था.

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तहसीलदार का विवादों से रहा है नाता

तहसीलदार नीलमणि दुबे का पहले भी विवादों से नाता रहा है. इससे पहले भी जब पलारी में तहसीलदार थे, तब भी उन्होंने कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव और कसडोल विधायक रही शकुंतला साहू के खिलाफ इसी तरह से बयान देकर चर्चा में आए थे. दरअसल, उन्होंने अवैध रेत उत्खनन और परिवहन पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद उनका तबादला कर दिया गया था.

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नीलमणि हैं बेबाक और मुखर वक्ता

दरअसल, तहसीलदार नीलमणि दुबे बहुत ही बेबाक और मुखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं. यही वजह है कि वह प्रदेश अध्यक्ष के रूप में चयनित हुए थे और वे लगातार कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के पक्ष में सरकार पर दबाव बनाए हुए थे.

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