छत्तीसगढ़ में यहां सिर्फ इस वजह से बच्चों को स्कूल से भेज रहे वापस,भविष्य पर संकट!

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के एक स्कूल से अजीब मामला सामने आया है. यहां शिक्षक बच्चों को स्कूल से वापस घर लौटा रहे हैं. ये मामला भरतपुर जनपद पंचायत के बरेल ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम मंटोलिया का है.

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यहां आधार कार्ड नहीं होने से बच्चों को स्कूल से घर वापस भेज रहे शिक्षक.

CG News In Hindi: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में आधार कार्ड नहीं होने के कारण बच्चों को स्कूल से भगाए जाने का मामला सामने आया है.स्कूल के शिक्षक बच्चों को आधार कार्ड जमा नहीं करने के कारण स्कूल से वापस घर भेज दे रहे हैं. इससे पंडो जनजाति के इन बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है. मामला भरतपुर जनपद पंचायत के बरेल ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम मंटोलिया का है.

मंटोलिया में 20 घरों की बस्ती है

भरतपुर विकासखंड से 39 किमीटर दूर ग्राम पंचायत बरेल के आश्रित ग्राम मंटोलिया में 20 घरों की बस्ती है, जहां आदिवासी पंडो जनजाति के लोग रहते हैं. बस्ती के बच्चे आधार कार्ड नहीं बनने के कारण स्कूल जाने से वंचित हैं. शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के दावे तो किए जाते हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी-भी अनेकों गांव में प्राथमिक शिक्षा की हालत खराब है.

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जन्म प्रमाण पत्र की मांग की जा रही

लोग अपने बच्चों को पढ़ाना तो चाहते हैं, लेकिन विद्यालय न होने से उनके सपनों को पंख नहीं लग पा रहा है. यहां 10 से 12 बच्चे आधार कार्ड नहीं होने के कारण स्कूली शिक्षा से वंचित हैं. बच्चों के माता-पिता आधार कार्ड बनवाने के लिए तहसील, ग्राम पंचायत के सचिव, सरपंच के पास चक्कर लगाते थक गए हैं. लेकिन आधार कार्ड नहीं बन पाया.आधार कार्ड सेंटर में जन्म प्रमाण पत्र की मांग की जा रही है, बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है, जिस कारण आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है. इस गांव में स्कूल होने के बाद भी बच्चे स्कूल नहीं जाने के कारण इधर उधर भटकते रहते हैं. परिजनों को बच्चों की भविष्य की चिंता सता रही है.

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"आधार कार्ड लेकर आना तब पढ़ाएंगे"

छात्रा वर्षा बताती है कि मैं जब स्कूल जाती हूं, तो शिक्षक भगा देते हैं. कहते हैं, तुम्हारा आधार कार्ड नहीं है, तुमको स्कूल में नहीं बिठाया जाएगा.ग्रामीण करमचंद्र ने कहा कि उसका आधार कार्ड नहीं बना है और ना बच्चे का बन रहा है. सचिव को कहते हैं, तो वह भी नहीं सुनता है और न सरपंच सुनता है. जनकपुर कई बार गए तब भी नहीं बना. बच्चे को स्कूल में गुरुजी कहते हैं कि आधार कार्ड लेकर आना तब पढ़ाएंगे.बड़ी परेशानी यह है कि कुछ बच्चों के मां-पिता के भी आधार कार्ड नहीं बने हैं जिससे दिक्कत आ रही है.

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बच्चों की पढ़ाई में परेशानी हो रही

ग्रामीण महिला मुन्नीबाई ने कहा कि बच्ची स्कूल जाती है, तो शिक्षक कहते हैं कि आधार कार्ड नहीं है तो घर जाओ, स्कूल में नहीं बैठ सकते हो. सचिव के पास जाते हैं तो वो भी ध्यान नहीं देते, सरपंच भी ध्यान नहीं देते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई में परेशानी हो रही है.

समय लाल पंडो ने बताया कि यहां किसी बच्चे का आधार कार्ड नहीं बन पाया है. सरपंच और सचिव नहीं सुनते है. शिक्षक कहते हैं हम नहीं पढ़ाएंगे इनका आधार नहीं है. सब को बता चुके हैं.विजय चेरवा ने कहा कि हमारी गलती नहीं है, जिला सीईओ, कलेक्टर आदेश करें तब कहीं आधार बन जाएगा. इनका जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है. इसलिए परेशानी हो रही.

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