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Swachta in Bharatpur: स्वच्छता की योजना हो रही बेकार, धूल खा रहे कचरा उठाने वाले रिक्शे और गंदगी से जूझ रहा गांव

Bharatpur News in Hindi: भरतपुर विकासखंड में ग्रामीणों को गंदगी का सामना करना पड़ रहा है. यहां स्वच्छता की योजना बेकार हो रही है.

Swachta in Bharatpur: स्वच्छता की योजना हो रही बेकार, धूल खा रहे कचरा उठाने वाले रिक्शे और गंदगी से जूझ रहा गांव
भरतपुर विकासखंड में स्वच्छता के लिए लाई गई साइकिल हो रही कबाड़

Chhattisgarh News in Hindi: देशभर में स्वच्छता को लेकर जहां एक ओर अभियान चल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर धरातल पर इसके क्रियान्वयन की सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है. एक तरफ सरकारें लाखों-करोड़ों रुपये स्वच्छता के नाम पर खर्च कर रही हैं, दूसरी ओर गांवों में कचरा ढोने के लिए खरीदे गए साइकिल रिक्शे धूप और बारिश में सड़ते नजर आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ के भरतपुर (Bharatpur) विकासखंड के ग्राम पंचायत कैसौडा की तस्वीर कुछ ऐसी ही है, जहां स्वच्छ भारत मिशन की मंशा तो थी, लेकिन निगरानी और जवाबदेही का पूरी तरह अभाव नजर आ रहा है. 

घर-घर से नहीं उठ रहा कचरा

सरकार ने गांवों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था के तहत पंचायतों को साइकिल रिक्शा उपलब्ध कराए थे. योजना के अनुसार, घर-घर जाकर कचरा उठाना था, जिससे गांव स्वच्छ और साफ दिखे. लेकिन, कैसौडा ग्राम पंचायत में महीनों से साइकिल रिक्शा खुले में खड़े हैं. इसका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है और अब यह धीरे-धीरे कबाड़ बनते जा रहे हैं. 

गलियों में कचरे का ढेर

गांव की गलियों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. लोग अपने घरों का कचरा बाहर फेंकने को मजबूर हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जब कचरा ढोने के लिए वाहन है, तो फिर उसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा है. ऐसा प्रतीत होता है कि जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी है इन योजनाओं की निगरानी करना, वे सिर्फ दफ्तरों में बैठे हुए हैं. किसी तरह की मैदानी निगरानी या निरीक्षण नहीं किया गया, और शायद यही कारण है कि गांव में साफ-सफाई की व्यवस्था दम तोड़ चुकी है. 

सरपंच पति ने दिया ये जवाब

जब इस मामले में सरपंच पति राम सुंदर से सवाल किया गया, तो उनका जवाब चौंकाने वाला था. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता गांव में कचरा उठाने का वाहन रखा गया है. अभी हम नए हैं, किसी ने हमें कुछ बताया ही नहीं है. इसी तरह राजीव कुमार प्रजापति, जो वर्तमान में ठेकेदारी कार्य कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि हमें यहां आए अभी 10-15 दिन ही हुए हैं, इससे पहले कोई और ठेकेदार कार्यरत था.

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तुरंत भेजेंगे जांच टीम - पंचायत सीईओ 

जब इस मामले में जनपद पंचायत सीईओ अजय सिंह राठौर से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से ही यह बात सामने आई है कि रिक्शा का उपयोग नहीं हो रहा है. तुरंत जांच टीम भेजी जाएगी.

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