सूरजपुर बाल विवाह के मामले में प्रदेश में नंबर वन, इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन ने किया फ्लाइंग स्क्वायड का गठन

Bal Vivah In Chhattisgarh: सूरजपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी जागरुकता की कमी के चलते बाल विवाह हो रहे हैं. वहीं बाल संरक्षण विभाग की माने तो लगातार शादी सीजन में गांव-गांव पहुंच कर लोगों को समझा रहे हैं. बाल - विवाह की सूचना पर तत्काल उन्हें रोकने का काम भी किया जाता हैं.

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Surajpur News: बाल विवाह के होते हैं कई नुकसान

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) में बीते दिनों लग्न का सीजन चल रहा था. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी शादियां की धूम मची हुई थी. लेकिन जागरुकता के अभाव में  ग्रामीण बाल- विवाह जैसे अपराध करने से भी नहीं चूक रहे हैं. ऐसे में बाल विवाह रोकने के लिए जिला प्रशासन ने फ्लाइंग स्क्वायड का गठन किया है. जिसमें तहसीलदार, बाल संरक्षण इकाई, पुलिस व राजस्व अमले की टीम भी शामिल हैं.

4 मामलों में वर - वधु पक्ष पर थानों में एफआईआर

आपको बता दें जहां बीते एक सीज़न में डराने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जहां संयुक्त टीम ने 65 बाल विवाह को रोका है तो 4 मामलों में वर - वधू पक्ष पर थानों में एफआईआर दर्ज़ कराई गईं है. जिसमें लोगों को जेल तक भी भेजा गया है. महिला अधिवक्ताओं के अनुसार बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है. जहां नए अपराधिक कानूनों में इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान है. जिससे आने वाले दिनों में जिले में बाल विवाह से जुड़े मामले कम होने की संभावना है.

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स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ गरिमा के अनुसार बालिग होने से पहले या कम उम्र में विवाह वर - वधु दोनों के लिए नुकसानदेह साबित होता है. इससे जहां मानसिक रूप से बुरा प्रभाव पड़ता है वहीं शारीरिक रूप से भी स्वास्थ्य के मामलों के लिए ये हानिकारक होता है. जहां कई बार उम्र कम होने से प्रेगनेंसी में जान भी जा सकती है. 

बाल - विवाह के मामलों में ज़िला नंबर वन 

सूरजपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में आज भी जागरुकता की कमी के चलते बाल विवाह हो रहे हैं. वहीं बाल संरक्षण विभाग की माने तो लगातार शादी सीजन में गांव-गांव पहुंच कर लोगों को समझा रहे हैं. बाल - विवाह की सूचना पर तत्काल उन्हें रोकने का काम भी किया जाता हैं. ऐसे बीते शादियों के सीज़न में जिला प्रशासन व बाल संरक्षण इकाई की टीम व फ्लाईंग स्क्वायड मुस्तैद नजर आईं. जिसकी वजह से बीते एक सीजन में टीम को 65 बाल विवाह रुकवाने में सफलता मिली है. जहां बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के अनुसार आंकड़े प्रदेश में सबसे आगे इसलिए भी है क्योंकि जिले में क्लेक्टर के निर्देशन में टीम इस मामले में गंभीर है, और बाकी अन्य जिलों के अपेक्षा यहां ज्यादा कार्रवाई हो रही है.

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लोगों को किया जा रहा जागरूक

महिला बाल विकास अधिकारी रमेश साहू ने बताया कि शादियों के सीज़न के बीच बाल विवाह के बढ़ते आंकडे चिंता का विषय जरूर है पर संयुक्त टीम ने जहां भी सूचना मिली बाल विवाह को रुकवाया है. जागरुकता के लिहाज़ से भी टीम लगातार कार्य कर रही है. स्कूल, कॉलेज हॉट बाजारों में नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को जागरूक भी किया गया है.वहीं लगातार कार्रवाई होने से आने वाले दिनों में बाल विवाह के मामले ज़रूर कम होंगे.

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