बुलडोजर कार्रवाई में अतिक्रमण हुआ जमींदोज, 40 घरों और 20 हेक्टेयर जमीन को किया कब्जा मुक्त... उठे ये बड़े सवाल

Surajpur News: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो आदिवासी अक्सर जंगलों में ही डेरा रहते हैं, वहीं सरकार इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए ढेरों योजनाएं, केंद्र से लेकर राज्य तक संचालित करती है. इसके बावजूद इसके इन्हें अतिक्रमण कारी बता बरसात के समय में घरों से बेघर कर दिया गया. जहां इन परिवारों के साथ कई छोटे छोटे दुधमुंहे बच्चे भी शामिल थे. जिन्हें अब छत नसीब नहीं है. वहीं अधिकारीयों का दावा है कि इसके अलावा इन लोगों के पास पहले से मकान और ज़मीन हैं.

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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर (Surajpur) में बुलडोजर की कार्रवाई हुई है. यहां के प्रेमनगर इलाके में भारी विरोध के बीच प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर 40 लोगों के घरों और लगभग 20 हेक्टेयर जमीन से ज्यादा जंगल पर हुए अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया है.

40 घरों को किया कब्जा मुक्त

दरअसल प्रेमनगर ब्लॉक के महेशपुर गांव में पड़ने वाले वन विकास निगम की जंगलों में पिछले कई सालों से डेरा डाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पण्डो आदिवासियों का लगभग चार दर्जन परिवारों ने वन विकास निगम की भूमि पर अवैध तरीके से कब्ज़ा कर लिया था. साथ ही धड़ल्ले से अतिक्रमण का कार्य ज़ारी भी था. जिसे लेकर वन विकास निगम ने राजस्व विभाग की मदद से लोगों को नोटिस जारी किया था, वहीं अब बुलडोजर की कार्रवाई हो गई है. जिसमें 40 से ज्यादा घरों व लगभग 20 हेक्टेयर ज़मीन को कब्ज़ा मुक्त करा दिया गया है.

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कार्रवाई पर लगे सवालिया निशान

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो आदिवासी अक्सर जंगलों में ही डेरा रहते हैं, वहीं सरकार इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए ढेरों योजनाएं, केंद्र से लेकर राज्य तक संचालित करती है. इसके बावजूद इसके इन्हें अतिक्रमण कारी बता बरसात के समय में घरों से बेघर कर दिया गया. जहां इन परिवारों के साथ कई छोटे छोटे दुधमुंहे बच्चे भी शामिल थे. जिन्हें अब छत नसीब नहीं है. वहीं अधिकारीयों का दावा है कि इसके अलावा इन लोगों के पास पहले से मकान और ज़मीन हैं. हालांकि किसकी बात में सच्चाई है यह तो जांच का मामला है, लेकिन बरसात के समय इस तरह की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगना लाज़िमी है.

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बड़ी संख्या में पुलिस तैनात रहा

कार्रवाई के दौरान अतिक्रमण हटाने गए अमले को आदिवासियों के विरोध का सामना भी करना पड़ा. लेकिन टीम पहले से ही पूरी तैयारी से पहुंची थी. जहां एक साथ तीन - तीन बुल्डोजर घरों को ढहा रहे थे तो दूसरी ओर लगभग 200 की संख्या में पुलिस बल व उनके बड़े अधिकारी मौके पर हाथों में डंडा लिए अतिक्रमणकारियों को बरसात के दौरान घरों से बेघर कर रहे थे. ऐसे में आदिवासियो के पास सिर्फ़ अपने घरों को उजड़ता देखने के सिवाय कोई चारा नहीं था.

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