Sanju devi Success Story: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 24-25 नवंबर 2025 को संपन्न महिला कबड्डी वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चाइनीज ताइपे को 35-28 से हरा दिया. इस जीत के साथ भारत ने लगातार दूसरी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया. टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने सभी मुकाबले ग्रुप स्टेज से लेकर सेमीफाइनल और फाइनल तक अपराजित रहते हुए इतिहास रचा. इस ऐतिहासिक जीत की नायिका रहीं छत्तीसगढ़ की 23 वर्षीय रेडर संजू देवी जिन्हें पूरे टूर्नामेंट में उनके जनरदस्त प्रदर्शन के लिए 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' (मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर) का सम्मान दिया गया. फाइनल में संजू ने रेडिंग के दौरान 16 अंक हासिल किए जिसमें 12 वें मिनट में एक सुपर रेड शामिल था, जिसने चार खिलाड़ियों को आउट कर मैच का रुख पलट दिया. इससे पहले सेमीफाइनल में भारत ने ईरान को 33-21 से हराकर फाइनल का टिकट कटाया था.
ऐसी है संजू देवी की कहानी
कोरबा जिले के ग्राम बेलाकछार के आदिवासी बहुल क्षेत्र में जन्मी संजू देवी संघर्ष और दृढ़ संकल्प की मिसाल है. उनके पिता राम जी यादव मजदूरी करते हैं, जबकि मां अमरीका बाई गृहिणी हैं. भाई शशिकांत भी खेल से जुड़े रहे हैं. आर्थिक तंगी के बावजूद संजू ने 2016 में स्थानीय ग्रामीण टूर्नामेंटों से कबड्डी की शुरुआत की. जिला कबड्डी संघ के कोच अनुज प्रताप सिंह और ज्योति क्लब (दर्री, कोरबा) ने उन्हें निःशुल्क प्रशिक्षण व आवास प्रदान किया, जिससे उनका सफर गति पकड़ सका.
मार्च 2025 में ईरान में आयोजित छठी एशियन महिला कबड्डी चैंपियनशिप में संजू ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई, जो विश्व कप के लिए क्वालीफायर साबित हुई. छत्तीसगढ़ से कबड्डी में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनी गईं संजू ने कहा, "महिलाओं को बस अवसर चाहिए. हमारी टीम में एकजुटता थी और हमने हर चुनौती को पार किया.”
अकादमी में शामिल होने के बाद संजू ने राज्य और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कई पदक जीते. सीनियर नेशनल 2024-25 में उनके प्रदर्शन ने भारतीय कैंप का द्वार खोला. विश्व कप में उनकी रेडिंग ने न केवल फाइनल जीताया बल्कि पूरे टूर्नामेंट को रोमांचक बनाया.
2012 के बाद यह दूसरा विश्व कप है, जिसमें भारत ने 12 में से सभी मैच जीते. मुख्य कोच तेजस्विनी साई और सहायक प्रियंका की रणनीति ने टीम को मजबूत बनाया. अगला लक्ष्य 2026 एशियन गेम्स (जापान) है. संजू की कामयाबी संदेश देती है कि सही प्रशिक्षण, सामाजिक समर्थन और आर्थिक सहायता से ग्रामीण प्रतिभाएं वैश्विक पटल पर चमक सकती हैं.
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