कैसे चमकेगा देश का भविष्य! जर्जर स्कूल भवनों में जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं छात्र, जानिए जमीनी हकीकत

Chhattisgarh: शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भुमका के शिक्षक राकेश कुमार पांडे ने बताया कि भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, छत से सरिया भी लटक रहे हैं. कभी भी यह भवन गिर सकता है, बरसात के समय बच्चों को एक कक्षा में बैठाकर पढ़ाया जाता है. जर्जर भवन मरम्मत के लिए अधिकारियों से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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Chhattisgarh: मनेंद्रगढ़ - छत्तीसगढ़ में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 18 जून से होगी. नया शिक्षा सत्र शुरू होने में अब तीन दिन का समय बचा हुआ है. मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में नए शिक्षा सत्र को लेकर शिक्षा विभाग को जो तैयारियां करनी थी अभी तक नहीं की गई है. नतीजा शिक्षा विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा इन स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों को भुगतना पड़ेगा.

अधिकांश भवनोंं की हालत है जर्जर

आपको बता दें कि जिले में कुल 898 स्कूल संचालित है. इन स्कूलों में से अधिकांश स्कूल भवन जर्जर हालत में है. 898 में से कुल 172 स्कूल भवनों के मरम्मत की आवश्यकता है. मगर अब तक इन जर्जर भवनों पर किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया गया है. जिले में 564 प्राइमरी व 239 मिडिल स्कूल के अलावा 52 हाई व 43 हायर सेकंडरी स्कूल संचालित है. जिले के भरतपुर विकासखंड के हालात ऐसे हैं नए शिक्षा सत्र को लेकर शिक्षा विभाग ने किसी भी तरह की तैय्यारियां नहीं की है. शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भुमका, प्राथमिकशाला 1981 से संचालित है, प्राथमिक शाला ठिसकोली जो आज तक खपरैल भवन में चल रही है. यहां बच्चे जान जोखिम में डालकर भविष्य गढ़ने को मजबूर हैं.

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शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं

शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भुमका के शिक्षक राकेश कुमार पांडे ने बताया कि भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है, छत से सरिया भी लटक रहे हैं. कभी भी यह भवन गिर सकता है, बरसात के समय बच्चों को एक कक्षा में बैठाकर पढ़ाते हैं, जर्जर भवन मरम्मत के लिए अधिकारियों से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है. वहीं ग्राम पंचायत सरपंच बताते हैं कि भवन जर्जर है जिसके लिए हमने विधायक और अधिकारियों से शिकायत की थी लेकिन सुनवाई नहीं हुई है.

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जिला शिक्षा अधिकारी ने ये दिया जवाब

इसके जवाब में जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 18 जून से होगी. हमने पूरी तैयारी कर ली है. 18 जून से पहले अपने स्कूल में स्वच्छ और सुंदर वातावरण करने के लिए अपनी टीम को लगाया है जो दूरस्थ अंचल के स्कूल हैं जहां पर सुविधाओं का अभाव होता है उसके लिए हमने फोकस किया है, इसके लिए हमने टीम गठित किया है. इसके लिए सभी स्कूल में समुचित शिक्षा की व्यवस्था हो. जहां पर जर्जर भवन होंगे वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करके स्कूल संचालित करेंगे. जिले में 172 भवन और शौचालय जर्जर है जिसके लिए हमने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है बहुत ही जल्द स्वीकृत होकर आ जाएंगे.

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