Scam: करोड़ों का फर्जी ऋण घोटाला; रायगढ़ में श्रीराम फाइनेंस कंपनी के पूर्व मैनेजर सहित दो गिरफ्तार

Shriram Finance Company Scam: आरोपियों ने 26 ग्राहकों के नाम पर फर्जी व्यापार ऋण स्वीकृत करवाए. जांच में सामने आया कि ये ग्राहक वास्तविक व्यापारी नहीं थे, बल्कि दूसरे व्यक्तियों की दुकानों और प्रतिष्ठानों को उनके नाम पर दिखाकर कंपनी से ऋण राशि निकलवाई गई थी.

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Scam: करोड़ों का फर्जी ऋण घोटाला; रायगढ़ में श्रीराम फाइनेंस कंपनी के पूर्व मैनेजर सहित दो गिरफ्तार

Shriram Finance Company Scam: रायगढ़ जिले में घरघोड़ा पुलिस ने वित्तीय अनियमितता के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए श्रीराम फाइनेंस कॉर्पोरेशन प्रा. लि. रायपुर से जुड़े करोड़ों रुपये के फर्जी ऋण घोटाले का खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले में कंपनी के पूर्व शाखा प्रबंधक और एक दलाल को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने 2017 से 2019 के बीच फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लगभग 1 करोड़ 30 लाख रुपये से अधिक की राशि का गबन किया.

क्या है मामला?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, श्रीराम फाइनेंस कंपनी के लीगल विभाग में पदस्थ मैनेजर राकेश तिवारी निवासी बांसटाल तिल्दा (रायपुर) ने घरघोड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कंपनी की घरघोड़ा शाखा में पूर्व कर्मचारी वीरेन्द्र प्रताप पुरसेठ और उसके सहयोगियों ने दलालों के साथ मिलकर यह घोटाला किया. आरोपियों ने 26 ग्राहकों के नाम पर फर्जी व्यापार ऋण स्वीकृत करवाए. जांच में सामने आया कि ये ग्राहक वास्तविक व्यापारी नहीं थे, बल्कि दूसरे व्यक्तियों की दुकानों और प्रतिष्ठानों को उनके नाम पर दिखाकर कंपनी से ऋण राशि निकलवाई गई थी.

पुलिस जांच में क्या मिला?

पुलिस जांच में यह भी पता चला कि ग्राम बहिरकेला निवासी राजकुमार साहू ने चार काल्पनिक ग्राहकों के नाम पर लगभग 26 लाख रुपये का ऋण स्वयं प्राप्त किया था. बताया गया कि इस रकम का एक हिस्सा उसने संबंधित कर्मचारियों को रिश्वत के रूप में दिया था.शिकायत के आधार पर घरघोड़ा पुलिस ने अपराध क्रमांक 297/2025 दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 470, 471, 120(बी) के तहत मामला कायम किया. विवेचना के दौरान दोनों मुख्य आरोपियों – वीरेन्द्र प्रताप पुरसेठ (34 वर्ष, निवासी नावापारा, घरघोड़ा) और राजकुमार साहू (44 वर्ष, निवासी बहिरकेला) को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. पूछताछ में दोनों ने फर्जीवाड़े की बात कबूल कर ली.

फिलहाल दोनों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है, वहीं पुलिस अन्य संलिप्त व्यक्तियों की तलाश कर रही है. इस कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव साहू के नेतृत्व में एएसआई खेमराज पटेल, प्रधान आरक्षक अरविंद पटनायक, आरक्षक हरीश पटेल, उद्योराम पटेल, चंद्रशेखर चंद्राकर, प्रहलाद भगत, भानु चंद्रा और महिला आरक्षक सुप्रिया सिदार की सराहनीय भूमिका रही.

पुलिस का कहना है कि आगे की जांच में यह भी सामने आ सकता है कि फर्जी ऋण घोटाले में अन्य कर्मचारियों और दलालों की मिलीभगत कितनी गहरी थी.

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