Ashutosh Chaitanya Released: सतनामी समाज पर टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किए गए कथावाचक आशुतोष चैतन्य को आखिरकार जमानत मिल गई है. हालांकि अदालत ने उन्हें रिहाई के साथ कई शर्तें भी थमा दी हैं. खासकर ऐसी बातें दोबारा न कहने की, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे. कथावाचक आशुतोष चैतन्य को सशर्त जमानत दिए जाने के बाद वह शाम 7 बजे सेंट्रल जेल से बाहर आए. रिहाई के तुरंत बाद वे सीधे मध्यप्रदेश के डिंडौरी रवाना हो गए.
कोर्ट ने रखी ये अहम शर्तें
अदालत ने जमानत के साथ साफ कहा है कि भविष्य में आशुतोष चैतन्य किसी भी ऐसे बयान से परहेज करेंगे, जिससे किसी समाज, वर्ग या समुदाय की भावनाएं आहत हों. इसके साथ ही उन्हें अपने आचरण को लेकर भी सावधान रहने की हिदायत दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब 11 नवंबर को बिलासपुर जिले में श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के दौरान कथावाचक आशुतोष चैतन्य ने सतनामी समाज को लेकर अपमानजनक शब्द कहे. बयान का वीडियो सामने आने पर इसकी शिकायत तखतपुर पुलिस से की गई, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
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विवादित बयान से समाज भड़का
कथा के दौरान आशुतोष चैतन्य ने कहा था कि तखतपुर में कई गायें काटी जा रही हैं और जो पहले सनातनी थे, वे अब सतनामी हो गए हैं. उन्होंने सतनामी समाज को ‘मूर्ख' बताते हुए उन पर गाय काटने के आरोप लगाए. यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही समाज में नाराजगी फैल गई.
थाने का घेराव और FIR दर्ज
विवाद बढ़ने पर सतनामी समाज के लोग 12 नवंबर को बड़ी संख्या में तखतपुर थाने पहुंच गए. उन्होंने कथावाचक की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारेबाजी की और थाने का घेराव किया. दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने FIR दर्ज की और 15 नवंबर को तखतपुर के कथा स्थल से आशुतोष चैतन्य को गिरफ्तार कर लिया.
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यूट्यूब पर अपलोड हुआ था वीडियो
बताया गया कि कथावाचक द्वारा कही गई बातें न केवल कथा के दौरान बोली गईं, बल्कि उनका वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया था. वीडियो वायरल होने के बाद ही मामला तेजी से बढ़ा और समाज ने कार्रवाई की मांग की.