Saroj Podiam Success Story: जैसे-जैसे छत्तीसगढ़ में नक्सलगढ़ सिमटता जा रहा है वैसे-वैसे यहां की प्रतिभाएं उड़ान भरने लगी हैं... ताजा उदाहरण सुकमा जिले का है. इस घोर नक्सल प्रभावित जिले की रहने वाली सरोज पोडियाम ने आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है... दरअसल, सरोज पोडियाम ने सिलाई व्यवसाय की शुरुआत की और इसे नए उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाया.
नक्सल हिंसा प्रभावित परिवार से है सरोज पोडियाम
बता दें कि सरोज पोडियाम माओवाद हिंसा से प्रभावित परिवार से हैं. वर्ष 2009 में माओवादियों ने उनके ससुर की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उनका पूरा परिवार गंभीर आर्थिक संकट में आ गया था. हालांकि इस कठिन परिस्थिति में शासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए नवा बिहान योजना के अंतर्गत उन्हें आवास प्रदान किया. इसके अलावा उनके पति राकेश पोडियाम को नगर सैनिक (सिपाही) के पद पर नियुक्त किया गया, ताकि परिवार को सुरक्षा और आजीविका मिल सके.
पीएम स्वनिधि योजना से सरोज पोडियाम बनीं आत्मनिर्भर
बता दें कि सरोज पोडियाम पहले से ही घर पर सिलाई कार्य करती थीं, लेकिन पूंजी की कमी के कारण वे अपने व्यवसाय का विस्तार नहीं कर पा रही थीं. जब उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (PM SVANidhi) की जानकारी मिली, तो उन्होंने स्व-रोजगार के लिए आवेदन किया. इसके बाद सुकमा शाखा की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने उन्हें 15,000 रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया.
सरोज पोडियाम को चेक का वितरण मुख्य नगर पालिका अधिकारी कोर्राम और नगर पालिका परिषद सुकमा के अध्यक्ष हूंगा राम मरकाम ने किया. ऋण स्वीकृत होने के बाद श्रीमती सरोज पोडियाम ने अपने सिलाई व्यवसाय को नए उत्साह और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाया. आज वो अपने परिश्रम और सरकारी योजनाओं के सहयोग से परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं. इतना ही नहीं वो आत्मनिर्भर और सशक्त महिला के रूप में समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत की.
पीएम स्वनिधि योजना से सकारात्मक बदलाव आया- सरोज
सरोज का कहना है कि सरकार द्वारा दी गई सहायता और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है.
उनकी कहानी यह दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन, शासन की योजनाओं का लाभ और व्यक्तिगत संकल्प किसी भी कठिन परिस्थिति से उबरकर सफलता की ओर ले जा सकते हैं.
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